
अमेरिका में पहले से कहीं अधिक लोग कंप्यूटेड टोमोग्राफी (CT) स्कैन करवा रहे हैं। यह तकनीक जहां जीवन बचा सकती है, वहीं वैज्ञानिकों को चिंता है कि इससे निकलने वाली आयनकारी विकिरण की कम मात्रा कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती है।
व्यक्तिगत स्तर पर जोखिम बेहद कम
व्यक्तिगत स्तर पर CT स्कैन से कैंसर होने की संभावना बेहद कम मानी जाती है, और यदि चिकित्सा रूप से आवश्यक हो तो मरीजों को इससे डरने की जरूरत नहीं है।
हालांकि, अमेरिका में 2007 के बाद से हर साल किए जाने वाले CT स्कैन की संख्या 30% से ज्यादा बढ़ गई है। शोधकर्ताओं का मानना है कि कई बार अनावश्यक स्कैन से लोग बेवजह विकिरण के संपर्क में आ रहे हैं।
2023 में किए गए स्कैन से भविष्य में 1 लाख से अधिक कैंसर मामले संभव
अमेरिका और यूके के वैज्ञानिकों की एक टीम का अनुमान है कि CT स्कैन से निकलने वाली कम मात्रा की आयनकारी विकिरण अमेरिका में होने वाले कुल कैंसर मामलों के 5% के लिए जिम्मेदार हो सकती है। उनके अनुसार, 2023 में किए गए CT स्कैन भविष्य में लगभग 1,03,000 कैंसर मामलों का कारण बन सकते हैं।
यह आंकड़ा कुछ मान्यताओं और ऐतिहासिक विकिरण घटनाओं पर आधारित है। अगर यह सटीक साबित होता है, तो CT स्कैन भी कैंसर के जोखिम कारकों जैसे शराब सेवन की तरह ही एक प्रमुख कारण बन सकता है।
शोधकर्ताओं की चेतावनी
कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी, सैन फ्रांसिस्को की महामारी विशेषज्ञ रेबेका स्मिथ-बाइंडमैन के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों की टीम ने लिखा, “CT स्कैन कई बार जीवनरक्षक होते हैं, लेकिन इनके संभावित नुकसान अक्सर नजरअंदाज किए जाते हैं। अमेरिका में CT स्कैन की अत्यधिक संख्या को देखते हुए, बहुत ही छोटे कैंसर जोखिम भी बड़ी संख्या में मामलों का कारण बन सकते हैं।”
कम विकिरण से कैंसर – अभी भी एक अनुमान
वैज्ञानिकों को यह तो पता है कि उच्च मात्रा में विकिरण कैंसर पैदा करता है, लेकिन कम मात्रा के प्रभाव को लेकर पुख्ता प्रमाण अभी नहीं हैं। अधिकांश आंकड़े हिरोशिमा परमाणु बम विस्फोट और परमाणु संयंत्र दुर्घटनाओं से बचे लोगों पर आधारित हैं।
उदाहरण के लिए, हिरोशिमा विस्फोट से बचे 25,000 लोगों में, जिन्हें तीन या अधिक CT स्कैन के बराबर विकिरण मिला था, जीवनकाल में कैंसर का खतरा थोड़ी मात्रा में बढ़ा हुआ पाया गया।
बच्चों और किशोरों में जोखिम अधिक
शोध के अनुसार, CT स्कैन से कैंसर का जोखिम बच्चों और किशोरों में वयस्कों की तुलना में अधिक होता है। एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों में थायरॉयड कैंसर का खतरा अधिक देखा गया, खासकर लड़कियों में।
अनावश्यक स्कैन से बचने की सलाह
ऑस्ट्रेलिया की RMIT यूनिवर्सिटी की रेडिएशन विशेषज्ञ प्रदीप देब का कहना है कि यदि किसी जांच को बिना विकिरण वाले तरीकों से किया जा सकता है, तो CT स्कैन से बचना बेहतर होगा।
ऑस्ट्रेलियन सोसाइटी ऑफ मेडिकल इमेजिंग एंड रेडिएशन थेरेपी की अध्यक्ष नाओमी गिब्सन कहती हैं, “लंबे समय तक विकिरण के प्रभावों को लेकर सतर्क रहना जरूरी है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि चिकित्सा रूप से आवश्यक CT स्कैन न किए जाएं।”