जेआरएल का एलान,पंचायत चुनावों के विरोध में 17 को बंद रहेगा कश्मीर

जम्मू। निकाय चुनावों के सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद कश्मीर में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया को बाधित करने के लिए ज्वाइंट रजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) ने 17 नवंबर को कश्मीर बंद की घोषणा की है। उन्होंने इस चुनावी प्रक्रिया को केंद्र सरकार का ड्रामा करार देते हुए घाटी के लोगों को इसमें शामिल न होने की अपील की।

अलगाववादी संगठनों द्वारा बनाए गए ज्वाइंट फ्रंट जेआरएल में शामिल सईद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मोहम्मद यासीन मलिक ने आरोप लगाए कि केंद्र सरकार यह चुनाव उन पर थोप रही है। लोग इन चुनावों में शामिल न होकर अपना रूख स्पष्ट कर दें। जेआरएल ने 24, 27 और 29 नवंबर के अलवा 1, 4 और 8 दिसंबर को भी बंद रखने का एलान किया। उनका दावा है कि इससे विश्व में यह संदेश जाएगा कि सुरक्षाबलों के दम पर केंद्र सरकार यहां जबरन चुनाव करवा रही है।

हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब जेआरएल ने चुनावों का बहिष्कार किया। इससे पहले भी जेआरएल सहित आतंकवादी संगठन लोगों पर चुनावों में शामिल न होने का दबाव बना चुके हैं। यही नहीं चुनावों में खड़े होने वाले उम्मीदवारों को जान से मारने की धमकी भी दी गई हैं। नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी ने भी निकाय चुनावों के बाद पंचायती चुनावों में शामिल न होने का एलान किया है। बावजूद इसके घाटी में पंचायती चुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज हैं।

निकाय चुनावों के दौरान भी घाटी में काफी संख्या में नेताओं ने आतंकवादी-अलगाववादी संगठनों की धमकियों को दरकिनार करते हुए न सिर्फ उम्मीदवारों के तौर पर चुनावी प्रक्रिया में भाग लिया। वहीं आम लोगों ने भी मतदान केंद्रों पर जाकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर राष्ट्र विराधी ताकतों को मुंह तोड़ जवाब दिया। राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव में मतदान 17 नवंबर से शुरू होकर 11 दिसंबर तक चलेंगे। इस दौरान 316 ब्लॉक में 4483 पंचायत हलका के 3506 पंच निर्वाचन क्षेत्र के लिए 58 लाख 54 हजार 208 मतदाता वोट डालेंगे। इससे पहले राज्य में पंचायत चुनाव 2011 में हुए थे। पंचायत चुनाव के लिए मतदान सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक होंगे।