तेज हुई मराठा आंदोलन की आंच, महाराष्ट्र में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन

मुंबई। महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन की आंच तेज होती जा रही है। सरकारी नौकरियों तथा शिक्षण संस्थाओं में 16 फीसद आरक्षण की मांग को लेकर अब तक 6 लोग खुदकुशी कर चुके हैं। मुंबई में आज संगठन की ओर से आरक्षण के लिए जेल भरो आंदोलन किया जा रहा है, जिसके तहत जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। आंदोलन को देखते हुए प्रशासन अलर्ट हो गया है और राज्य में सुरक्षा के पुख्ता और सख्त इंतजाम किए गए हैं। इधर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

सकल मराठा मोर्चा के नेता प्रवीण पटेल ने बताया कि मराठा समुदाय के लोग बुधवार को मुंबई में जेल भरो आंदोलन करेंगे। इससे पहले मराठा संगठनों ने कहा था कि उनकी आरक्षण की मांग के समर्थन में नौ अगस्त को मुंबई में एक महारैली की जाएगी।

आंदोलन में लगातार लोगों की खुदकुशी करने के मामले सामने आ रहे हैं, जिसके चलते महाराष्ट्र में प्रदर्शन और तेज हो गए हैं। मराठा समुदाय के लोगों ने मंगलवार को औरंगाबाद-जलगांव मार्ग पर ‘रास्ता रोको’ प्रदर्शन किया। पुलिस ने बताया कि मराठवाड़ा क्षेत्र के बीड़ जिले के वीदा गांव के 35 वर्षीय खेत मजदूर अभिजीत देशमुख ने अपने घर के पास एक पेड़ से फांसी लगा ली।

8 लोगों ने की आत्महत्या की कोशिश
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, मराठवाड़ क्षेत्र के लातूर जिले में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर लगभग 8 प्रदर्शनकारियों ने मिट्टी का तेल छिड़कर आत्महत्या करने की कोशिश की। लातूर के पुलिस अधीक्षक शिवाजी राठौड़ का कहना है कि जिले के औसा में तहसीलदाय कार्यालय के बाहर आठ लोगों ने आत्महत्या करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने समय पर उन्हें शांत कराया।

जानिए क्या है मामला
मराठा समाज लंबे समय से शिक्षा और नौकरियों में आंदोलन की मांग करता आ रहा है। हाल में राज्य सरकार द्वारा 72,000 नियुक्तियां किए जाने के संकेत मिलने के बाद यह आंदोलन और तेज हो गया। हालांकि, मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने आश्वासन दिया है कि मराठा आरक्षण पर कोर्ट का फैसला आने तक इन भर्तियों में इस समुदाय को 16 फीसद आरक्षण दिया जाएगा। लेकिन, आंदोलन का नेतृत्व कर रहा मराठा क्रांति मोर्चा इस आश्वासन से सहमत नहीं है। उसने नौ अगस्त को महाराष्ट्र बंद की तैयारी कर रखी थी।
इस बीच, पिछले सप्ताह औरंगाबाद में काकासाहब शिंदे (27) नामक एक युवक के गोदावरी नदी में कूदकर आत्महत्या कर लेने से आंदोलन अचानक भड़क उठा और नौ अगस्त के बजाय 31 जून को ही महाराष्ट्र बंद का त्वरित आह्वान कर दिया गया।