नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी तीन राज्यों में मिली जीत से भले ही उत्साहित हो लेकिन वो दो राज्यों, राजस्थान और मध्यप्रदेश में बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाई है। इसीलिए अब उसके सामने सररकार बनाने की चुनौती आ गई है। अब उसे एक किंगमेकर की जरूरत है, जिसकी भूमिका मध्यप्रदेश में बसपा-सपा और राजस्थान में निर्दलीय निभाने जा रहे हैं। सत्ता की चाबी अब इन्हीं के हाथ है और कांग्रेस को इन्हीं से हाथ मिलाना होगा।
पंद्रह साल पुरानी भाजपा सरकार को पीछे धकेलते हुए कांग्रेस ने सत्ता का वनवास समाप्त कर लिया। कांटे के मुकाबले में कांग्रेस ने भाजपा से पांच सीटों की बढ़त हासिल की है। अब उसे बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों के सहारे सत्ता की राह तलाशनी है।
देर रात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को पत्र लिखकर सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया। बुधवार को पार्टी विधायक दल की भोपाल में बैठक हो रही है, जिसमें नए नेता का चयन किया जाएगा। प्रदेश में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला।
वनवास खत्म, जोड़-तोड़ शुरू
मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार बनाएगी या कांग्रेस, अभी तस्वीर साफ नहीं है। प्रदेश में बहुमत के लिए 116 का आंकड़ा पाना जरूरी है। भाजपा नेताओं की मानें तो कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में हर हाल में प्रदेश में गठबंधन सरकार बनेगी।
आंकड़ों को देखकर भाजपा नेताओं ने जोड़-तोड़ कर सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक इसके लिए भाजपा नेताओं ने उन विधायकों से संपर्क शुरू कर दिया है जो निर्दलीय हैं या बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी अथवा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बैनर पर चुनाव जीते हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और सांसद राकेश सिंह ने कहा कि कई निर्दलीय और अन्य दलों के लोग भाजपा के संपर्क में हैं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, पिछले पंद्रह साल से सत्ता सुख भोग रही भाजपा प्रदेश में अब भी गठबंधन सरकार बनाने के प्रयास में लगी है। इसकी वजह ये है कि अब तक आए चुनाव परिणामों को देखकर लग रहा है कि प्रदेश में कोई भी दल अकेले के दम पर सरकार शायद नहीं बना पाए। ऐसे हालात में भाजपा ने अपने नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाने के लिए जोड़ तोड़ शुरू कर दी है। दूसरी ओर कांग्रेस भी इसी तरीके के जोड़-तोड़ में लगी है।
राजस्थान में भी कांग्रेस मोर्चा बनाने में जुटी
सत्ता वापसी की राह तलाश रही कांग्रेस ने राजस्थान में भी मोर्चा बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने कहा है कि कांग्रेस सभी विपक्षी दलों को साथ लेकर भाजपा के खिलाफ मजबूत मोर्चा बनाएगी, जिसमें सपा और बसपा को भी साथ लिया जाएगा। गहलोत ने विधानसभा चुनाव परिणाम को लोकसभा चुनावों का संकेत माना है।
भाजपा-कांग्रेस के दिग्गज हारे मरुधरा
राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा। वसुंधरा राजे सरकार के दो तिहाई मंत्री और पांच संसदीय सचिव चुनाव हार गए। विधानसभा के उपाध्यक्ष राव राजेन्द्र सिंह भी सीट नहीं बचा सके।
उधर, कांग्रेस की दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ.गिरिजा व्यास, कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य रघुवीर मीणा और मानवेंद्र सिंह की भी पराजय हुई। वसुंधरा सरकार में 29 मंत्री थे, जिनमें से 23 को फिर से चुनाव लड़ने का मौका दिया गया था। इसमें महज आठ मंत्री ही जीते हैं।