नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ सालों से सीलिंग का बहुत हल्ला है। मकानों, दुकानों से लेकर बाजारों तक में दिल्ली नगर निगम सीलिंग कर रहा है। व्यापारी सड़कों पर धरने दे रहे हैं। विभिन्न पार्टी के नेता सदनों से लेकर अब सुप्रीम कोर्ट तक के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। वहीं, दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता संजय सिंह सीलिंग का मुद्दा बृहस्पतिवार को राज्यसभा में उठाएंगे। सांसद ने राज्यसभा में शून्य काल में चर्चा के लिए नोटिस दिया है।
रास में शून्य काल में चर्चा के लिए नोटिस देने की अवधि आधा घंटा कम हुई
गौरतलब है कि राज्यसभा में सदस्यों को शून्य काल के दौरान किसी विषय पर चर्चा के लिए अब सुबह साढ़े नौ बजे तक सभापति के समक्ष नोटिस देना होगा। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को ही उच्च सदन के सदस्यों की सर्वदलीय बैठक में बताया कि शून्य काल के लिए ऑनलाइन नोटिस देने की कामयाबी के बाद अब नोटिस देने की अवधि आधा घंटा पहले कर दी गई है। यह व्यवस्था मंगलवार से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र से लागू हो गई है। उल्लेखनीय है कि अगले साल प्रस्तावित लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मंगलवार को शुरू हुआ शीतकालीन सत्र अंतिम पूर्ण सत्र है।
जानिये- क्या है सीलिंग का मसला
गौरतलब है कि दिल्ली में निर्माण कार्यों के लिए एमसीडी की इजाजत जरूरी है, लेकिन एमसीडी के लापरवाही से यहां पर अवैध निर्माण तेजी से बढ़ गए। 2005 में अवैध निर्माण का मामला दिल्ली हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में अवैध निर्माण की सीलिंग करने का आदेश दे दिया। हालांकि सरकार ने सीलिंग कार्रवाई से व्यापारियों को बचाने के लिए कन्वर्जन चार्ज जमा करने का विकल्प दिया था लेकिन यह भी ठीक से नहीं जमा हुआ। ऐसे में अब कोर्ट के आदेश के मुताबिक अवैध दुकानों या प्रॉपर्टी को सील किया जाने लगा है। फिलहाल यह मामला कोर्ट में भी है।