वॉशिंगटन डीसी में इज़राइली दूतावास के दो कर्मचारियों की गोली मारकर हत्या, मारे गए यारोन लिसचिंस्की और सारा मिलग्रम

वॉशिंगटन — अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में बुधवार शाम एक यहूदी संग्रहालय के बाहर इज़राइली दूतावास के दो कर्मचारियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतकों की पहचान यारोन लिसचिंस्की और सारा मिलग्रम के रूप में हुई है, जो एक-दूसरे के प्रेमी थे और अगले सप्ताह यरुशलम में सगाई की योजना बना रहे थे।

इस दर्दनाक घटना ने इज़राइल-हमास युद्ध के बीच अंतरराष्ट्रीय चिंता को और गहरा कर दिया है।

यारोन लिसचिंस्की

30 वर्षीय यारोन लिसचिंस्की वर्ष 2022 से वॉशिंगटन स्थित इज़राइली दूतावास में शोधकर्ता के रूप में कार्यरत थे। उनका जन्म जर्मनी के नूर्नबर्ग में हुआ था और वे 16 वर्ष की उम्र में इज़राइल चले गए थे। उनके पास जर्मनी और इज़राइल की दोहरी नागरिकता थी।

उन्होंने तेल अवीव के रीचमन यूनिवर्सिटी और यरुशलम की हिब्रू यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त की थी। रीचमन यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले इज़राइली राजदूत रॉन प्रोसर ने उन्हें “प्रतिभाशाली” और “जिज्ञासु” छात्र बताया। हिब्रू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर निसिम ओटमाज़गिन के अनुसार यारोन का सपना एक कुशल राजनयिक बनने का था।

वे धाराप्रवाह जर्मन बोलते थे और जर्मन-इज़राइली फ्रेंडशिप सोसाइटी के प्रमुख वोल्कर बेक ने कहा कि यारोन के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की इच्छा और जर्मन-इज़राइली संबंधों में रुचि से वह जहां भी जाते, वहां सकारात्मकता फैलती थी।

यारोन ने सारा मिलग्रम से तब मुलाकात की जब वह इज़राइली मिशन में काम करने आई थीं। वॉशिंगटन में इज़राइली राजदूत यचिएल लाइटर के अनुसार, यारोन ने सगाई की अंगूठी खरीद ली थी और वे रविवार को यरुशलम जाने की योजना में थे, जहां वे सारा को प्रपोज करने वाले थे।

सारा मिलग्रम

26 वर्षीय सारा मिलग्रम वॉशिंगटन स्थित दूतावास के पब्लिक डिप्लोमेसी सेक्शन में 2023 से कार्यरत थीं। उनका लिंक्डइन प्रोफाइल उन्हें अमेरिकी और इज़राइली झंडों के बीच मुस्कुराते हुए दिखाता है।

सारा मिसौरी के पास एक स्कूल में अग्रणी गायिका थीं और उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कंसास से पर्यावरण विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी। इसके बाद उन्होंने अमेरिकन यूनिवर्सिटी, वॉशिंगटन और संयुक्त राष्ट्र यूनिवर्सिटी फॉर पीस से अंतरराष्ट्रीय अध्ययन और सतत वैश्विक विकास में मास्टर्स की पढ़ाई की।

उनके पिता रॉबर्ट मिलग्रम ने बताया कि उन्हें यारोन के प्रस्ताव की जानकारी नहीं थी। यह जानकारी उन्हें इज़राइली राजदूत से उस रात फोन पर मिली जब उन्हें सारा की मौत की सूचना दी गई।

सारा की मां नैन्सी ने बताया कि वह रविवार को अपनी बेटी के कुत्ते की देखभाल के लिए वॉशिंगटन जाने की योजना बना रही थीं। उन्होंने फोन पर गोलीबारी की खबर देखी और मोबाइल ट्रैकिंग से पता चला कि सारा कैपिटल यहूदी म्यूज़ियम में थीं।

स्नातक की पढ़ाई के बाद सारा ने एक वर्ष इज़राइल में बिताया, जहां उन्होंने Tech2Peace नामक संगठन के साथ काम किया, जो इज़राइली और फिलिस्तीनी युवाओं को मिलाकर शांति-निर्माण और तकनीकी प्रशिक्षण देता है।

अपने लिंक्डइन प्रोफाइल में उन्होंने लिखा था कि उन्होंने “इज़राइली-फिलिस्तीनी शांति प्रक्रिया में मित्रता की भूमिका” पर अध्ययन किया है।

उनके पिता ने अमेरिकी मीडिया को बताया, “वह वही कर रही थी जो वह चाहती थी, वह अच्छा कर रही थी।”

आरोपी की पहचान और कानूनी कार्रवाई

घटना के संबंध में वॉशिंगटन डीसी के एक यहूदी संग्रहालय के बाहर बुधवार रात हुई गोलीबारी के मामले में एक व्यक्ति पर प्रथम श्रेणी हत्या के दो आरोप लगाए गए हैं। संदिग्ध हमलावर, एलियास रोड्रिगेज, को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया था और घटना के दौरान उसे “फ्री फिलिस्तीन!” चिल्लाते हुए वीडियो में देखा गया। वॉशिंगटन स्थित अमेरिकी अटॉर्नी के कार्यालय ने रोड्रिगेज पर विदेशी अधिकारियों की हत्या, आग्नेयास्त्र से हत्या और हिंसक अपराध के दौरान हथियार चलाने जैसे गंभीर आरोप भी लगाए हैं।

अधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस मामले में आतंकवाद से संबंधित अतिरिक्त आरोप भी जोड़े जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि रोड्रिगेज शिकागो का निवासी है और किसी कार्य सम्मेलन के सिलसिले में वॉशिंगटन आया था। अमेरिका में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस हत्या की निंदा करते हुए इसे यहूदी-विरोधी (एंटीसेमिटिक) करार दिया है।


यह घटना केवल एक दुखद व्यक्तिगत क्षति नहीं, बल्कि एक गहरी वैश्विक चिंता का कारण बन गई है, जो मध्य पूर्व में जारी संघर्ष की भयावहता को एक बार फिर उजागर करती है।