
भोपाल — गुरुवार शाम को अपलोड किए गए अपने आदेश में, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य पुलिस द्वारा बीजेपी के राज्य मंत्री विजय शाह के खिलाफ कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई टिप्पणी को लेकर दर्ज की गई FIR को ‘त्रुटिपूर्ण’ बताया है। कोर्ट ने कहा कि यह FIR उन कृत्यों की पर्याप्त जानकारी नहीं देती जो दर्ज अपराधों के तहत आते हैं, और इसे ‘राज्य की ओर से गंभीर धोखाधड़ी’ बताया।
जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने अपने तीखे आदेश में कहा कि यह FIR इस ढंग से बनाई गई है ताकि बाद में मंत्री विजय शाह इसे पूर्व की धारा 482 CrPC (अब धारा 528 बीएनएसएस) के तहत रद्द करवा सकें।
अदालत ने कहा, “यह FIR इस तरह से दर्ज की गई है कि यदि इसे चुनौती दी जाए तो इसे आसानी से रद्द किया जा सके क्योंकि इसमें उन कृत्यों की स्पष्ट जानकारी नहीं है जो प्रत्येक आरोपित अपराध के अंतर्गत आते हैं। यह राज्य की ओर से एक घिनौनी चाल है। FIR इस उद्देश्य से बनाई गई है ताकि आरोपी विजय शाह बाद में इसे रद्द करा सकें।”
हालांकि, कोर्ट ने फिलहाल यह जांचने से परहेज़ किया कि “राज्य पुलिस की कमान में यह भद्दा प्रयास किसकी ज़िम्मेदारी थी,” लेकिन यह भी कहा कि भविष्य की कार्यवाहियों में वह इसकी तह तक जाएगा। अदालत ने आगे कहा, “इस साजिश को जड़ से समाप्त करने के लिए, यह निर्देश दिया जाता है कि 14.05.2025 के आदेश को FIR के अनुच्छेद 12 का हिस्सा माना जाएगा और आगे की सभी न्यायिक, अर्ध-न्यायिक और जांच प्रक्रिया में इसे ध्यान में रखा जाएगा।”
कोर्ट ने यह भी कहा कि वह जांच की निगरानी करेगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पुलिस निष्पक्ष जांच करे और किसी राजनीतिक या बाहरी दबाव से प्रभावित न हो।
बुधवार को ही हाईकोर्ट ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) को विजय शाह के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने मंत्री की टिप्पणी को “अपमानजनक,” “खतरनाक,” और “नाली की भाषा” करार देते हुए कहा था कि यह न सिर्फ संबंधित अधिकारी को निशाना बनाती है, बल्कि समूचे सशस्त्र बलों का अपमान है। कोर्ट ने यह भी माना कि prima facie, मंत्री पर भारतीय न्याय संहिता 2023 (BNS) के तहत अपराध बनता है।
कर्नल सोफिया कुरैशी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का चेहरा बनी थीं जब उन्होंने भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई के संबंध में प्रेस ब्रीफिंग दी थी। इसके बाद विजय शाह ने विवादास्पद बयान दिया:
“जिन्होंने हमारी बेटियों के सिंदूर उजाड़े थे… हमने उनकी ही बहन भेजकर उनकी ऐसी की तैसी करवाई।”
हालांकि बाद में उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगी थी।