बिहार विधानसभा चुनाव: एनडीए को प्रचंड जीत, नीतीश कुमार पाँचवीं बार सत्ता में

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे कल रात घोषित कर दिए गए, जिनमें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने ऐतिहासिक और प्रचंड बहुमत हासिल किया। 243 सदस्यीय विधानसभा में एनडीए ने 202 सीटें जीतकर स्पष्ट जनादेश प्राप्त किया है। सरकार बनाने के लिए 122 सीटों की आवश्यकता होती है।

बीजेपी बनी सबसे बड़ी पार्टी
चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 89 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। उसके सहयोगी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) को 85 सीटें मिलीं। लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के चिराग पासवान के नेतृत्व में 19 सीटें, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) को 5 सीटें और रालोमो को 4 सीटें प्राप्त हुईं।

एनडीए खेमे से उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, मंत्री प्रेम कुमार, महेश्वर हजारी, संजय सरावगी तथा बीजेपी उम्मीदवार मैथिली ठाकुर जैसी कई प्रमुख हस्तियाँ विजयी रहीं।

महागठबंधन को लगा करारा झटका
राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन को इस चुनाव में बड़ी निराशा हाथ लगी और वह केवल 35 सीटों पर सिमट गया। इनमें राजद को 25, कांग्रेस को 6, सीपीआई(एमएल) लिबरेशन को 2, जबकि सीपीआई(M) और इंडियन इंक्लूसिव पार्टी को 1-1 सीट मिली।
एआईएमआईएम ने 5 और बसपा ने एक सीट जीती।

राजद नेता और महागठबंधन के सीएम चेहरे तेजस्वी यादव राघोपुर सीट से 11,000 से अधिक मतों के अंतर से जीते। विपक्षी खेमे से सुदीप सौरव भी प्रमुख विजेताओं में शामिल रहे। दूसरी ओर, प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी कोई सीट नहीं जीत सकी।

नीतीश कुमार फिर बनाएंगे सरकार
203 सीटों पर शानदार जीत के साथ एनडीए ने 2020 के चुनावी प्रदर्शन को पीछे छोड़ दिया। नीतीश कुमार अब लगातार पाँचवीं बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं और वे बिहार के सबसे लंबे समय तक पद पर रहने वाले मुख्यमंत्री भी बनेंगे।

पीएम मोदी का कांग्रेस पर हमला
नतीजों के बाद दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने इस जीत को “नए युग की शुरुआत” बताया। उन्होंने बिहार की जनता को लोकतंत्र में भरोसा जताने के लिए धन्यवाद दिया।
कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के पास देश के लिए कोई सकारात्मक दृष्टि नहीं है और वह अपने सहयोगियों के लिए “परजीवी और बोझ” बन चुकी है।

ऐतिहासिक मतदान
6 और 11 नवंबर को दो चरणों में हुए चुनाव में 67.13% की रिकॉर्ड मतदान प्रतिशतता दर्ज की गई, जो बिहार के चुनावी इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि है।

कल घोषित नतीजों के साथ यह साफ हो गया कि बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनने जा रही है और राज्य में नई विकास गति को लेकर उम्मीदें बढ़ गई हैं।