
शाहजहांपुर के ढका ताल स्थित रेलवे कॉलोनी के बंद क्वार्टर में रविवार दोपहर टीटीई सलिल चौधरी की 87 वर्षीय मां लीलावती का शव मिला। वह यहां अपने बेटे के साथ रहती थीं। सलिल दो दिन पहले बुजुर्ग मां को क्वार्टर में बंद करके चले गए थे।
क्वार्टर से बदबू आई तो लोगों की सूचना पर सदर बाजार कोतवाली पुलिस ने क्वार्टर का दरवाजा तोड़ा और शव कब्जे में लिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक लीलावती की मौत दो दिन पहले ही हो चुकी थी। उनके फेफड़े गले हुए थे।
पेट में भोजन का कोई अंश नहीं मिला। जाहिर है कि वह कई दिन से भूखी थीं। पोस्टमार्टम हाउस पर न तो सलिल पहुंचा और न ही कोई अन्य नाते-रिश्तेदार पहुंचा।
मूलरूप से लखनऊ के आलमबाग निवासी सलिल चौधरी की शाहजहांपुर स्टेशन पर बतौर टीटीई तैनाती 2005 में हुई थी। यहां वह रेलवे कॉलोनी स्थित क्वार्टर में मां के साथ रहते थे।
सलिल के पिता रामशेर की काफी पहले मृत्यु हो चुकी है। रेलवे के सूत्रों के मुताबिक सलिल के पिता कांग्रेस के एमएलसी रहे थे हालांकि इसकी पूरी तरह पुष्टि नहीं हो पाई है। कॉलोनी के लोगों के मुताबिक शराब पीने के आदी सलिल करीब दो माह से ड्यूटी से नदारद है।
लोगों ने बृहस्पतिवार शाम सलिल को शराब के नशे में देखा था। इसके बाद वह क्वार्टर में ताला लगाकर कहीं चले गए। बुजुर्ग मां क्वार्टर के अंदर ही थीं।
बदबू की सूचना पर सीओ बलदेव सिंह खनेड़ा, इंस्पेक्टर जसवीर सिंह मौके पर पहुंचे। स्टेशन अधीक्षक ओमशिव अवस्थी समेत नरमू और उरमू के पदाधिकारी भी आ गए।
पुलिस ने दरवाजा तुड़वाया तो अंदर लीलावती का शव पड़ा था। क्वार्टर में खाने-पीने का कोई सामान भी नहीं था। सलिल के बारे में कुछ पता नहीं लगा। उनके किसी नाते-रिश्तेदार से भी संपर्क नहीं हो सका।
सलिल अक्सर ड्यूटी से गायब रहता था। वह शराब का आदी है। उनका दो बार उसका निलंबन भी हो चुका है। बताते हैं कि सलिल के दिवंगत पिता रामशेर कांग्रेस से एमएलसी रह चुके थें। सलिल करीब दो महीने से वह ड्यूटी से गैरहाजिर है। इस संबंध में रिपोर्ट मंडल मुख्यालय भेजी गई है।
-ओमशिव अवस्थी, स्टेशन अधीक्षक