घर में फर्जी अस्पताल चलता देख अधिकारी भी हैरान,नौ माह पहले भी लाइसेंस निरस्त कर हुआ था सील

हल्द्वानी में लालडांठ के समीप काठगोदाम बाईपास रोड पर स्वास्थ्य विभाग व प्राधिकरण की टीम ने अवैध ढंग से चल रहे अस्पताल को सील कर दिया। भवन का न तो आवासीय और न ही कॉमर्शियल नक्शा पास कराया गया था। न ही अस्पताल संचालन के लिए स्वास्थ्य विभाग से किसी प्रकार का लाइसेंस लिया गया था। सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह व एसीएमओ डॉ. रश्मि पंत के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग व प्राधिकरण की टीम ने अस्पताल को सील किया। हैरानी की बात है कि यह वही अस्पताल था, जिसे स्वास्थ्य महकमे के अफसरों ने करीब नौ माह पहले गड़बड़ियां मिलने पर लाइसेंस निरस्त करते हुए सील कर दिया था। उसी अस्पताल के बिना नाम के शहर के दूसरे क्षेत्र में संचालित होना कहीं न कहीं स्वास्थ्य विभाग पर भी सवाल खड़े करता है। कमलुआगांजा में जिस अस्पताल को सील किया गया था उसके मालिक को ये हिदायत स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई थी

उसे क्लिनिकल स्टाब्लिसमेंट एक्ट के तहत सभी मानक पूरे करने होंगे। लेकिन उसने ऐसा करने के बजाय गुपचुप तरीके से अस्पताल ही दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया। इस अस्पताल को कोई नाम भी नहीं दिया गया था। गनीमत ये रही कार्रवाई के नाम पर प्राधिकरण की टीम ने वहां छापा मारकर अवैध कारोबार का भांडाफोड़ कर दिया। ये कार्रवाई न हुई होती तो स्वास्थ्य विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगती।

गली-मोहल्लों में चल रहे छोटे-बड़े क्लिनिक

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक नैनीताल जिले में वर्तमान में करीब 400 से अधिक छोटे-बड़े अस्पताल संचालित हो रहे हैं। इन सभी का क्लिनिकल एस्टाब्लिसमेंट एक्ट के तहत पंजीकरण है। जबकि, हकीकत में शहर के कई गली-मोहल्लों में छोटे-बड़े क्लिनिक चल रहे हैं। जिनमें महंगी दवाओं और शर्तिया इलाज के नाम पर आम लोगों को लूटा जा रहा है।

शुक्रवार को अवैध निर्माण कार्य पर कार्रवाई करने गई टीम को एक भवन में अस्पताल संचालित होता मिला। जिसमें तमाम उपकरण उसी पुराने अस्पताल के थे। बिना लाइसेंस के इस तरह के अस्पताल संचालित करना गैरकानूनी है।

डॉ. रश्मि पंत, एसीएमओ नैनीताल

मामले की जांच की जा रही है। जो भी जरूरी कार्रवाई होगी वह की जाएगी।

डॉ. उषा जंगपांगी,  सीएमएस राजकीय महिला अस्पताल हल्द्वानी

जिले में वर्तमान में 400 से अधिक छोटे-बड़े अस्पताल संचालित हो रहे हैं। जिस अस्पताल पर कार्रवाई हुई है उसका लाइसेंस पहले ही निलंबित किया जा चुका था। डॉ. भागीरथी जोशी, सीएमओ नैनीताल