बिहार के माओवादी कमांडर को गुजरात एटीएस ने पकड़ा, 10 जवानों की हत्या समेत कई मामलों में था वांछित

गुजरात पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने केद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के दस जवानों की हत्या समेत कई आपराधिक मामलों में शामिल बिहार के एक कुख्यात माओवादी कमांडर को आज वलसाड जिले के वापी से गिरफ्तार कर लिया।

एटीएस के एस पी हिमांशु शुक्ला ने यूएनआई को बताया कि प्रतिबंधित नक्सली संगठन सीपीआई- माओइस्ट के राजगीर के स्वयंभू जोनल कमांडर राजेश रविदास उर्फ गोपालजी प्रसाद उर्फ उत्तमजी (33) को गुप्त सूचना के आधार पर पकड़ा गया। वह वहां अपनी पहचान छुपा कर एक फैक्ट्री में काम कर रहा था। मार्च 2017 में गया जिले में गुरपा में हुए मुठभेड़ में हाथ में गोली लगने से घायल होने के बाद से वह गायब हो गया था। उस मुठभेड़ में उसके चार साथी मारे गये थे तथा एक के 47,इंसास और स्वचालित राइफल समेत कई हथियार बरामद किये गये थे। वह 2018 में पहले गुजरात के निकटवर्ती  केंद्र शासित प्रदेश दमन आया और वहां सुरक्षा गार्ड के तौर पर काम करने के बाद वापी पहुंचा।

2002 में पारिवारिक भूमि विवाद का निपटारा माओवादियों से कराने के बाद मात्र 17 साल की उम्र में उनके संगठन में शामिल हो गया राजेश मूल रूप से गया जिले के नीचमकबथानी थाने के बहोरमा गांव का रहने वाला है। वह 2016 में औरंगाबाद के जंगल में बारूदी सुरंग विस्फोट और गोलीबारी में दस सीआरपीएफ कर्मियों की हत्या के मामले में भी शामिल था।

वह माओवादियों की बिहार-झारखंड (मगध) की स्पेशल एरिया कमिटी के प्रभारी और बिहार सरकार के 50 हजार रूपये के इनामी कुख्यात नक्सली प्रद्युम्न शमार् का दाहिना हाथ माना जाता था। शमार् स्वयं हत्या, फिरौती आदि समेत 50 से अधिक मामलों में शामिल है। उसे आगे की पूछताछ के लिए बिहार पुलिस को सौंप दिया जायेगा।