रोजाना योग से कम हो सकता है गर्भपात का खतरा

पुरुष अगर नियमित रूप से योग करते हैं तो उनकी पत्नियों को बार-बार होने वाले गर्भपात की दिक्कत में कमी आ सकती है।एम्स के शोध में दावा किया गया है कि नियमित योग करने से शुक्राणु डीएनए की गुणवत्ता में सुधार होता है। एम्स के शरीर रचना विज्ञान विभाग के विशेषज्ञों ने प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के साथ यह शोध किया है।

यह शोध अक्तूबर में पत्रिका एंड्रोलॉजी में प्रकाशित हुआ और इंटरनेशनल जर्नल ऑफ साइंटिफिक रिसर्च के फरवरी अंक में प्रकाशित हुआ था। एम्स के शरीर रचना विज्ञान के आणविक प्रजनन व आनुवांशिकी प्रयोगशाला की प्रभारी प्रोफेसर रीमा दादा ने बताया, अध्ययन में शामिल 60 पुरुषों को 90 दिनों के नियमित योग अभ्यास से फायदा हुआ।

प्रोफेसर रीमा ने बताया कि धूम्रपान, मद्यपान, फास्ट फूड और पौष्टिक भोजन की कमी, एक जगह बैठे रहने वाली जीवनशैली, मोबाइल फोन का अधिक इस्तेमाल, अत्यधिक मनोवैज्ञानिक तनाव और मोटापा ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं। बच्चे के स्वस्थ जन्म और जीवनभर उसके स्वास्थ्य पर शुक्राणु डीएनए की गुणवत्ता का काफी असर पड़ता है और योग इसमें बेहद मददगार साबित हुआ है।