यूपी: योगी सरकार ने शस्त्र लाइसेंस पर लगी रोक हटाई, 100 कारतूस रखने की मिलेगी छूट

राज्य सरकार ने नए शस्त्र लाइसेंस बनवाने पर लगी रोके हटाने का फैसला किया है। निर्धारित प्रारूप में शस्त्र के लिए आवेदन करने वाले भी अब लाइसेंस लेने के हकदार होंगे। साथ ही शस्त्र लाइसेंस धारक एक समय में 100 कारतूस और एक वर्ष में अधिकतम 200 कारतूस खरीद सकता है।

प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि पूर्व में लगी रोक को हटाते हुए आयुध नियमावली 2016 के अनुसार नए लाइसेंस जारी करने के आदेश सभी जिलाधिकारियों को दिए गए हैं। द्वितीय शस्त्र और तृतीय शस्त्र व रायफल के लिए नए लाइसेंस की व्यवस्था को भी समाप्त कर दिया गया है।

इस फैसले के बाद द्वितीय और तृतीय शस्त्र के लाइसेंस के लिए मंडल स्तर और शासन स्तर पर बनी कमेटी को भी समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि कुछ श्रेणी के आवेदकों जैसे अपराध पीड़ित, विरासतन, व्यापारी, उद्यमी, बैंक, संस्थागत, वित्तीय संस्थाएं, प्रवर्तन कार्य में लगे कर्मियों, सैनिक, अर्धसैनिक, पुलिस बल के कर्मी, विधायक, सांसद, राज्य स्तर से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के निशानेबाजों को वरीयता दी जाएगी। अरविंद कुमार ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत लाइसेंस हासिल करने के लिए फायरिंग टेस्ट की भी आवश्यकता नहीं होगी।

यूपी में रुतबे का प्रतीक है असलहा

असलहे यूपी में लोगों के रुतबे के प्रतीक हैं। वर्ष 2017 में गृह मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में उपलब्ध कुल वैध हथियारों में 35 फीसदी से अधिक हथियार अकेले यूपी वालों के पास है।यहां कुल 12.78 लाख लोगों के पास असलहे हैं, जबकि देश भर में यह संख्या 33.69 लाख से अधिक है। यूपी के बाद दूसरे नंबर पर जम्मू-कश्मीर है, जहां 3.69 लाख और पंजाब के पास 3.59 लाख वैध लाइसेंस हैं। मध्य प्रदेश के पास 2.47 लाख, हरियाणा के पास 1.41 लाख, राजस्थान के पास 1.33 लाख और कर्नाटक के पास 1.13 लाख हथियारों के लाइसेंस हैं। यूपी में सबसे अधिक हथियार लखनऊ में और सबसे कम भदोही में 1700 हथियारों के लाइसेंस हैं।