लखनऊ । विवेक तिवारी हत्याकांड के मुख्य अारोपी प्रशान्त चौधरी की पत्नी राखी मलिक का तबादला लखनऊ से दूर बलिया जिले में कर दिया गया है। लखनऊ के गोमती नगर इलाके में हत्या के आरोप में आरक्षी प्रशांत चौधरी के खिलाफ कार्रवाई का विरोध कर रही उसकी आरक्षी पत्नी राखी मलिक ने रविवार सुबह वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के शिविर कार्यालय पर हंगामा किया था।
इस दौरान मीडिया कर्मियों से भी उसकी नोकझोंक हुई। महिला पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ कर गाड़ी में बैठाया और गोमतीनगर थाने ले गई। कप्तान की चौखट से राखी के बैरंग लौटने के बाद प्रशांत की मां व परिवार के अन्य लोग गोमतीनगर थाने पहुंचे और प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग को लेकर हंगामा किया। गोमती नगर थाने में तैनात राखी मलिक ने पुलिसकर्मियों से कहा पति प्रशांत चौधरी शुक्रवार रात को वर्दी पहन कर ड्यूटी पर निकला था। देर रात सुनसान सड़क पर गाड़ी देखकर संदेह हुआ।
सूबे की राजधानी लखनऊ की पुलिस खुलेआम गुंडई पर अमादा है। पॉश इलाके गोमतीनगर विस्तार में शुक्रवार देर रात गश्त कर रहे सिपाही प्रशांत चौधरी ने कार सवार एपल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी को गोली मार दी।
गंभीर रूप से घायल विवेक की अस्पताल ले जाते वक्त मौत हो गई। विवेक उस समय अपने आफिस से निकलकर पूर्व महिला सहकर्मी सना खान को छोडऩे उसके घर जा रहे थे। शनिवार सुबह उनकी हत्या की खबर फैलते ही राजधानी में सनसनी फैल गई। आरोपित दोनों सिपाहियों को गिरफ्तार कर बर्खास्त कर दिया गया है। घटना की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआइटी) गठित की गई है। शनिवार को इस घटना के संज्ञान में आने के बाद गोरखपुर में मौजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह घटना एनकाउंटर नहीं है। इसकी जांच शुरू हो गई है। जरूरत पड़ी तो सीबीआइ जांच भी कराई जाएगी। प्रथमदृष्टया जो लोग दोषी पाए गए हैं, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
मूल रूप से सुलतानपुर के शंकरपुरम करौंदिया निवासी विवेक तिवारी यहां न्यू हैदराबाद कालोनी के आकाश गंगा अपार्टमेंट में रहते थे। शुक्रवार को उनके आफिस में एपल फोन के नये ब्रांड की लांचिंग थी। विवेक रात बारह बजे तक वहां थे। इसके बाद वह पूर्व महिला सहकर्मी सना खान को कार से छोडऩे निकले। वह गोमतीनगर के ही विनय खंड में रहती है। सना खान के अनुसार गाड़ी गोमतीनगर विस्तार में सरयू अपार्टमेंट के पीछे पहुंची थी कि बाइक सवार दो सिपाही प्रशांत और संदीप कुमार अचानक ओवरटेक कर आगे आ आए और गाड़ी रोकने का इशारा किया।
सना का कहना है कि कार में महिला बैठी होने के नाते विवेक ने गाड़ी नहीं रोकी तो सिपाहियों ने कार के आगे बाइक लगा दी, जिस पर विवेक ने थोड़ा गाड़ी आगे ली तो सिपाही की बाइक गिर गई। इस पर विवेक तिवारी ने पीछे की ओर गाड़ी करके साइड से निकलने का प्रयास किया, तभी उनमें से एक सिपाही प्रशांत ने सामने खड़े होकर आगे शीशे पर पिस्टल से गोली मार दी, जो विवेक जा लगी। विवेक जख्मी हालत में गाड़ी चलाते रहे। कुछ दूर जाकर गाड़ी सड़क के किनारे खंभे से टकराकर रुक गई। सना खान बाहर निकलकर लोगों से मदद मांगने लगी लेकिन कोई न रुका। लगभग दस मिनट बाद वहां पुलिस पहुंची और घायल विवेक को डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मृतक विवेक तिवारी सुलतानपुर के शंकरपुरम करौंदिया निवासी है। युवक पिता उदय नारायण है, जो बैंक में मैनेजर रहे हैं। युवक दो भाई हैं। दूसरा भाई नीरज छोटा है। विवेक तिवारी एपल कंपनी में एरिया मैनेजर के पद कार्यरत थे। घर में उनकी पत्नी कल्पना बेटी शिवी और सानू हैं। विवेक एपल मोबाइल कम्पनी में चार साल से एरिया सेल्स मैनेजर के पद पर कार्यरत थे। शुक्रवार को कम्पनी ने मोबाइल का नया मॉडल लॉन्च किया था। मोबाइल की लांचिंग कराने के बाद टीम मेम्बर सना को विभूति खण्ड स्थित आफिस से कार से उसके घर छोड़ने जा रहे थे।
इसके बाद अस्पताल वालों ने विवेक की पत्नी कल्पना तिवारी को सूचना दी कि उनके पति का एक्सीडेंट हो गया है। कल्पना तिवारी के वहां पहुंचने पर उन्हें पता लगा कि विवेक की गोली लगने से मौत हो गई है।
सिपाही की गोली से युवक की हत्या की खबर सुनते ही पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए। सुबह विवेक तिवारी घर पर लोगों का जमावड़ा होने लगा। इस बीच पुलिस सना खान को अपने साथ ही लिये रही। वहीं, आरोपित सिपाही प्रशांत का कहना है कि संदिग्ध कार देखकर उसने रुकने का इशारा किया था। कार सवार ने उनपर गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया, दोनों बाइक से गिर गए। खुद पर गाड़ी चढ़ती देखकर उसने सर्विस पिस्टल से गोली चला दी। एसएसपी का कहना है कि सिपाहियों के बयानों को सच नहीं माना जा सकता।
विवेक की पत्नी के सीएम योगी आदित्यनाथ तथा पुलिस से सवाल
विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना ने कहा कि विवेक ने फोन पर बताया था कि वो सना को छोडऩे के बाद घर पहुंचेंगे। मैंने बाद में फोन किया तो एक आदमी ने उठाया जिसने कहा कि एक्सीडेंट हो गया है। आप लोहिया अस्पताल पहुंचे। मैं लोहिया गई तो गोली की बात नहीं बताई गई। वहां कहा गया कि छोटा सा एक्सीडेंट था। इसके बाद में डॉक्टर ने कहा कि उनके सिर पर चोट लगी थी जिसके बाद ब्लीडिंग बहुत हुई और उन्हें बचाया नहीं जा सका।
मैं चाहती हूं दोषी को सजा मिले :सना
विवेक तिवारी की सहकर्मी सना इस वक्त गहरे सदमे में हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल तो मैं कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हूं। मीडिया ने पुलिस पर दबाव बनाया। इसीलिए सहकर्मी पुलिस के कहने पर सामने स्कार्फ बांध कर आई। सना ने कहा कि मैं तो सिर्फ चाहती हूं कि दोषी को सख्त से सख्त सजा मिले। मैं किसी भी दबाव में नहीं हूं। प्रदेश की पुलिस का यह व्यवहार देखकर बेहद भयभीत सना से इससे आगे कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।
इस घटना के बाद दोनों आरोपित सिपाहियों को गिरफ्तार कर लिया गया। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि सना खान की तहरीर पर आरोपित सिपाही प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी विवेक की मौत गोली लगने से होने की पुष्टि हुई है। दोनों गोमतीनगर थाने में तैनात थे और 2016 बैच के हैं। दोनों सिपाहियों को बर्खास्त कर जेल भेज दिया गया है। आरोपित प्रशांत की पत्नी राखी मलिक भी गोमतीनगर थाने में ही सिपाही है। हत्या की विवेचना दूसरे सर्किल के इंस्पेक्टर महानगर विकास पांडेय को सौंपी गई है। एसएसपी ने डीएम लखनऊ को पत्र लिखकर मजिस्ट्रेट जांच कराने की सिफारिश की है।
जांच के लिए एसआइटी गठित
डीजीपी ओपी सिंह ने जांच के लिए आइजी लखनऊ रेंज सुजीत पांडेय की अध्यक्ष्ता में एसआइटी गठित की है, जिसमें लखनऊ के एएसपी क्राइम व एएसपी देहात को भी शामिल किया गया है। एसआइटी को जल्द रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
पुलिस ने सादे कागज पर सना से कराए हस्ताक्षर
सना का आरोप है कि पुलिस ने उससे जबरन सादे कागजाद पर दस्तखत कराकर खुद ही तहरीर लिखी और अज्ञात में एफआइआर दर्ज की। जबकि रात में ही अफसरों को भी पता चल चुका था कि विवेक की मौत सिपाही की सर्विस पिस्टल से चली गोली से ही हुई।
डीजीपी ने माना, सिपाही ने किया आपराधिक कृत्य
डीजीपी ओपी सिंह ने स्वीकार किया कि लखनऊ पुलिस के सिपाही प्रशांत चौधरी ने अपराधियों वाला कृत्य किया है, इसके लिए उसे कठोर सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने विवेक के परिवार के प्रति गहरी शोक संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि परिवार ने जो खोया है, उसकी भरपाई नहीं की जा सकती। डीजीपी ने कहा कि वर्दी में छिपे ऐसे बिगड़ैल पुलिसकर्मी पूरे विभाग का सिर शर्म से झुकाते हैं। पुलिसकर्मियों में सुधार के बर्ताव व आचरण में सुधार व सोच में बदलाव लाने का प्रयास किया जा रहा है। यह कठिन काम है। उन्होंने पुलिस सुधार के अपने प्रयास भी साझा किये।