मुंबई। मराठा आंदोलन के आज के महाराष्ट्र बंद को देखते हुए सरकार सतर्क हो गई है। गुरुवार 9 अगस्त को इनके आंदोलन का अंतिम दिन है इसीलिए आज महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया गया। आरक्षण की मांग को लेकर राज्य में पिछले 21 दिनों से हिंसात्मक आंदोलन जारी है।
आरक्षण की मांग कर रहे मराठा आंदोलनकारी मुंबई कलेक्टर ऑफिस के बाहर एकत्रित हुए।
पुणे में बंद को देखते हुए एहतियात के तौर पर महाराष्ट्र स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट की बसें नहीं चलाई जा रहीं।
गौरतलब है कि सकल मराठा समाज द्वारा आरक्षण की मांग को लेकर 21 दिन से चलाए जा रहे आंदोलन में दरार पड़ती दिखाई दे रही है। संभवतः यही कारण है कि गुरुवार को बुलाए गए महाराष्ट्र बंद में मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई और बीड जैसे महत्त्वपूर्ण नगरों को शामिल नहीं किया गया है।
मराठा क्रांति मोर्चा ने नौ अगस्त को महाराष्ट्र बंद का आह्वान काफी पहले से कर ऱखा था। लेकिन 23 जुलाई को अचानक औरंगाबाद में एक युवक के नदी में कूदकर आत्महत्या कर लेने के कारण पूरे महाराष्ट्र में आंदोलन भड़क उठा और अगले दो दिन महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में न केवल बंद रहा, बल्कि हिंसक आंदोलन भी कई दिन तक होते रहे। इसके बावजूद मराठा क्रांति मोर्चा नौ अगस्त को पुनः बंद आहूत करने पर अड़ा है। लेकिन अब पूरा मराठा समाज उसके साथ खड़ा नहीं दिख रहा है। सकल मराठा समाज के बीड जनपद के संयोजक आबासाहब पाटिल ने साफ कह दिया है कि जब सरकार ने हमारी मांगें मानते हुए सरकारी क्षेत्र के लिए किया जानेवाला मेगा भर्ती अभियान रोक दिया है, और आरक्षण लागू करवाने के लिए नवंबर की समय सीमा भी निर्धारित कर दी है, तो आंदोलन का औचित्य नहीं बनता। उनके इस बयान के साथ ही 15 दिन पहले आंदोलन में काफी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने वाले बीड जनपद ने इस बंद से खुद को अलग कर लिया है।
मुंबई, नई मुंबई और ठाणे जैसे महानगरों ने भी खुद को बंद से अलग करने की घोषणा कर दी है। इन महानगरों के संयोजकों ने भी साफ कह दिया है कि कुछ दिनों पहले ही ये महानगर उग्र आंदोलन देख चुके हैं। बार-बार जनता को परेशानी में डालना कतई उचित नहीं। इसलिए इन महानगरों को बंद से बाहर रखा गया है। हां, इन महानगरों में मराठा समाज के लोग विभिन्न स्थानों पर धरना देकर अपना विरोध प्रदर्शन जरूर करेंगे। राज्य के अन्य हिस्सों में बंद की संभावना देखते हुए पुणे सहित कुछ और नगरों के जिलाधिकारियों ने वहां स्कूल-कॉलेज बंद रखने के निर्देश दे दिए हैं। जिन नगरों में बंद का आह्वान किया गया है वहां भी मराठा समाज की ओर से बंद को शांतिपूर्ण, किसी भी तरह की तोड़फोड़ न करने एवं अत्यावश्यक सेवाओं को बंद से बाहर रखने की अपील जारी की गई है।
कांग्रेस और सीटू के भी आंदोलन