हैदराबाद अग्निकांड में एक ही परिवार के 17 लोगों की मौत, 8 बच्चे शामिल; पीएम मोदी ने जताया शोक

हैदराबाद: हैदराबाद के प्रसिद्ध चारमीनार के पास गुलजार हाउस इलाके में कल सुबह एक दर्दनाक अग्निकांड में एक ही परिवार के 17 लोगों की मौत हो गई, जिनमें आठ बच्चे और पांच महिलाएं शामिल हैं। मरने वालों में सबसे छोटा बच्चा सिर्फ एक साल का था। आग लगने की वजह का अभी तक स्पष्ट रूप से पता नहीं चला है, लेकिन शुरुआती अनुमान के मुताबिक शॉर्ट सर्किट इसके पीछे कारण हो सकता है।

फायर ब्रिगेड को सुबह करीब 6:30 बजे घटना की सूचना मिली, जिसके बाद 11 दमकल गाड़ियों को मौके पर भेजा गया। अग्निशमन कर्मियों ने घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया और घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया।

केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने घटनास्थल का दौरा कर कहा, “पीड़ित परिवार अपनी दुकान के ऊपर स्थित मकान में रह रहा था। यह बेहद दुखद घटना है। मैं किसी पर आरोप नहीं लगाना चाहता, लेकिन पुलिस, नगर निगम, अग्निशमन और बिजली विभाग को मजबूत करने की जरूरत है। मुझे बताया गया कि शुरुआत में दमकलकर्मियों के पास उचित उपकरण नहीं थे। मैं प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार से मृतकों के परिजनों के लिए आर्थिक मदद की मांग करूंगा।”

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भी हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है और अधिकारियों को राहत कार्य तेज करने और घायलों को सर्वोत्तम इलाज देने के निर्देश दिए हैं।

गुलजार हाउस इलाका ऐतिहासिक चारमीनार के पास स्थित है, जहां कई सदियों पुराने आभूषणों की दुकानें हैं। यह क्षेत्र तंग गलियों और एक-दूसरे से सटे भवनों के लिए जाना जाता है, जिससे बचाव कार्य में मुश्किलें आईं।

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से एक बयान में कहा गया, “हैदराबाद, तेलंगाना में आग लगने की दुखद घटना में जान गंवाने वालों के प्रति गहरी संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की सहायता दी जाएगी।”

तेलंगाना मंत्री पोनम प्रभाकर ने जानकारी दी कि सभी शव बरामद कर लिए गए हैं और अस्पताल भेजे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही विस्तृत जानकारी साझा करेगी।

राज्यसभा सांसद एम. अनिल कुमार यादव (कांग्रेस) ने बातचीत में कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। यह एक व्यापारिक इलाका है। दमकलकर्मियों और अन्य विभागों ने भरसक प्रयास किया है। अब आग बुझा दी गई है।”

पुलिस उपायुक्त स्नेहा मेहरा ने बताया, “जिस इमारत में आग लगी, वहां केवल एक ही प्रवेश द्वार था। एक और प्रवेश द्वार बनाया गया ताकि अग्निशमनकर्मी अंदर जा सकें। अधिकांश लोग अंदर बेहोश मिले। यह पुरानी इमारतें हैं, जिनमें कुछ नया निर्माण भी हुआ है।”

घटना में जान गंवाने वालों में शामिल हैं:
वरिष्ठ नागरिक – प्रह्लाद, मुन्नी, राजेन्द्र मोदी और सुमित्रा।
बच्चे – हामे (7), प्रियांश (4), इराज (2), आरुषि (3), ऋषभ (4), प्रतम (1), अनुयन (3) और इड्डू (4)।
अन्य – अभिषेक, शीतल, वर्षा, पंकज और रजनी।

हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह परिवार पिछले सौ सालों से इस इलाके में रह रहा था। उन्होंने कहा, “मैं फायर सर्विस के महानिदेशक से बात की। उन्होंने बताया कि अधिकांश मौतें धुएं के कारण हुईं। हमें भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचाव के लिए नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।”

यह हादसा हैदराबाद के इतिहास में सबसे दर्दनाक घटनाओं में से एक बन गया है, जिससे पूरे शहर में शोक की लहर है।