यूपी में 64 हजार राशन कार्ड हो सकते हैं कैंसिल,एक्शन में योगी सरकार: जानिए वजह

लाखों का धान-गेहूं बेचने वाले प्रदेश के करीब 64 हजार लखपति किसानों की सस्ते सरकारी राशन की सुविधा जल्द खत्म होगी। बीते साल तीन से दस लाख रुपये की फसल बेच चुके ये किसान राशन कार्डों के जरिए सस्ता राशन का लाभ ले रहे हैं। एनआईसी ने आधार नंबर के जरिए इनकी पहचान की है। अब खेती से लाखों की कमाई करने वाले किसानों का सत्यापन कर अपात्रों के राशन कार्ड निरस्त किए जाएंगे।

जिलाधिकारियों को जांच के आदेश

बीते वर्ष सरकार को ही तीन लाख से अधिक का गेहूं-धान बेचने वाले प्रदेश के 63991 किसान सरकार के रडार पर हैं। अफसरों के मुताबिक एनआईसी के अनुसार 2020-21 में करीब 64 हजार किसानों ने तीन लाख से अधिक गेहूं-धान एमएसपी पर बेचा है। प्रथम दृष्टया ये सभी अपात्र हैं। खाद्य आयुक्त की ओर से डीए को किसानों की सूची भेजी गई है। इनकी पात्रता का सत्यापन कर अपात्र पाए जाने का राशनकार्ड निरस्त करने के निर्देश दिए हैं। राजधानी के 130 किसानों ने बीते वित्तीय वर्ष में तीन लाख से अधिक कीमत का गेहूं-धान बेचा है। इनमें इंद्र बहादुर सिंह ने 9.71 लाख, लालबाबू ने 9.61 लाख की फसल सरकारी केंद्रों पर बेचा। सुनील कुमार सिंह, डीएसओ, लखनऊ ने बताया कि सर्वाधिक लखपति किसान मोहनलालगंज ब्लॉक के हैं। सत्यापन कराया जा रहा है। अपात्र मिलने पर राशनकार्ड रद्द किए जाएंगे।

सर्वाधिक लखपति किसानों वाले जिले

शाहजहांपुर- 4710

रामपुर – 3520

महराजगंज – 3772

खीरी – 3342

हरदोई – 3413

सीतापुर – 2968

बहराइच – 2492 

यहां सबसे कम लखपति किसान

गाजियाबाद – एक

बागपत – दो

हापुड़ – 11

क्या कहता है नियम

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत ग्रामीण, शहरी क्षेत्र में पात्र राशनकार्ड धारक के चयन और निष्कासन के नियम तय हैं। ग्रामीण क्षेत्र में निष्कासन आधार (एक्सक्लूजन क्राइटेरिया) के तहत ऐसे परिवार जिनके पास पांच एकड़ से अधिक सिंचित जमीन या ऐसे परिवार जिनके सभी सदस्यों की आय दो लाख सालाना से अधिक है तो उन्हें सस्ता राशन का लाभ नहीं मिल सकता है।