पहाड़ी इलाकों में रविवार को ताजा बर्फबारी के साथ ही पर्यटकों के चेहरे खिल उठे। लोकप्रिय पर्यटन स्थलों शिमला, मनाली और डलहौजी में रातभर हुई बर्फबारी के चलते रविवार चारों ओर बर्फ की चादर बिछी नजर आ रही है। इसके चलते कुछ अंदरूनी हिस्सों में सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गया, लेकिन पर्यटकों के बीच उत्साह और खुशी का माहौल है, वे बर्फ के गोले बनाकर और एक-दूसरे पर बर्फ के गोले फेंककर इसका लुत्फ ले रहे हैं। होटल मालिकों ने इस उम्मीद में खुशी जताई कि आने वाले दिनों में भी बड़ी संख्या में पर्यटक आएंगे। मौसम विभाग ने सोमवार से शुष्क मौसम होने का अनुमान लगाया है। शिमला के आसपास के पर्यटक स्थलों जैसे कुफरी, चैल, फागू और नारकंडा में भी सामान्य बर्फबारी हुई, जिससे हिल स्टेशन बेहद खूबसूरत नजर आ रहे हैं। इसी तरह, मनाली और सोलांग और कल्पा में बर्फबारी हुई। चंबा जिले के डलहौजी में 30 सेंटीमीटर की बर्फबारी देखी गई। मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह ने आईएएनएस को बताया कि शिमला, कुल्लू, किन्नौर, लाहौल एवं स्पीति और चंबा जिलों में बर्फबारी हुई।
उन्होंने कहा, “ऊंचे पहाड़ी इलाकों में सामान्य से लेकर भारी बर्फबारी हुई है, जबकि निचले पहाड़ी इलाकों में बारिश हुई है।” शिमला में न्यूनतम तापमान 0.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि लाहौल एवं स्पीति जिले का केलांग शून्य से 11 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान के साथ राज्य में सबसे ठंडा जगह रहा। शिमला में 3.5 सेंटीमीटर और केलांग में नौ सेंटीमीटर बर्फबारी देखी गई। धर्मशाला में तापमान 2.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। कल्पा में तापमान शून्य से 4.8 डिग्री सेल्सियस नीचे और मनाली में शून्य से 1.6 डिग्री सेल्सियस नीते दर्ज हुआ। शिमला में पर्यटक एक-दूसरे पर बर्फ के गोले फेंककर मौज-मस्ती करते देखे गए। अपने दोस्तों के साथ सिमला आईं चंडीगढ़ की पर्यटक नितिका सोढ़ी ने कहा, “हमने पहली बार बर्फबारी देखी है।” मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि शिमला में बफीर्ला नजारा एक-दो दिनों तक रहेगा।
उत्तराखंड में ऊंचाई वाले इलाको में बर्फबारी
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले मे एक बार फिर शनिवार को मौसम ने करवट बदल ली। जिला मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्रो में जहां देर रात में बारिश होती रही। वहीं गंगोत्री, यमुनोत्री, हर्षिल, केदार कांठा, हरकीदून, सांकरी सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हुई है। जिससे एक बार फिर समूचा जनपद शीत तलर की चपेट में हैं। शनिवार देर रात को दस बजे जिला मुख्यालय सहित डुँडा, भटवाड़ी, बड़कोट, चिनयालीसौड़, पुरोला, मोरी आदि स्थनों पर रात भर बारिश होती रही। वहीं उच्च हिमालय क्षेत्र गंगोत्री, हर्षिल, झाला, पुराली, सुक्की, गंगनानी, गौरशाली, दयारा, बार्सू, रैथल, डोडीताल, नचिकेता ताल सहित यमुना घाटी के यमुनोत्री धाम, जानकी चट्टी, खरसाली, हनुमान चट्टी व मोरी क्षेत्र के केदार कांठा, सांकरी, तालुका, जखोल, बरी, सेवा, दोणी भित्तरी,आदि उच्च हिमालय पर सटे गांव में जमकर बर्फबारी हुई है। जिस पर स्थानीय काश्तकारों एवं सेब बागवानों ने खुशी जाहिर की है। स्थानीय लोगों का कहना है समय पर हो रही इस बर्फबारी से सेब की पैदाबार अच्छी होगी। वहीं रात भर हुई इस बर्फबारी से समूचा जनपद एक बार फिर शीत लहर की चपेट में है। लोग ठंड से बचने को लिए अलाव का सहारा लेने लगे हैं।
बर्फबारी के बाद कश्मीर में सुबह खिली धूप
कश्मीर के अधिकांश हिस्सों में शनिवार रात रुक-रुक कर हल्की बर्फबारी होती रही लेकिन रविवार सुबह अच्छी धूप खिली। हालांकि मौसम विभाग ने अगले सप्ताह मुख्य तौर पर शुष्क मौसम का अनुमान जताया है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने यहां बताया, ”कश्मीर के ज्यादातर हिस्सों में शनिवार की रात रुक-रुक कर हल्की बर्फबारी होती रही लेकिन घाटी में आज (रविवार) सुबह धूप खिली। उन्होंने बताया कि रविवार से मौसम में सुधार होगा और अगले सप्ताह तक मौसम कुल मिलाकर शुष्क ही बना रहेगा। अधिकारी ने बताया कि आसमान में बादल छाये रहने के कारण श्रीनगर का न्यूनतम तापमान शनिवार रात थोड़ा बढ़ गया और पिछली रात के न्यूनतम तापमान शून्य से 0.8 डिग्री सेल्सियस नीचे की तुलना में शून्य से 0.4 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया।
उन्होंने बताया कि घाटी का प्रवेश द्वार माने जाने वाले दक्षिण कश्मीर के काजीगुंड शहर में न्यूनतम तापमान शून्य से 0.9 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया जबकि पास के कोकरनाग शहर में शनिवार रात न्यूनतम तापमान शून्य से 3.3 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया। अधिकारी ने बताया कि उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा शहर में पारा शून्य से 1.5 डिग्री सेल्सियस नीचे तक गिर गया। उन्होंने बताया कि उत्तरी कश्मीर के गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 9.0 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया जबकि पर्यटन स्थल पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 2.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
अधिकारी ने बताया कि लेह में न्यूनतम तापमान शून्य से 6.5 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया जबकि द्रास में पारा शून्य से 9.7 डिग्री सेल्सियस कम रहा। कश्मीर में इस समय 40 दिनों तक चलने वाला ”चिल्लई-कलां का दौर चल रहा है जो सर्दी के मौसम की सबसे मुश्किल अवधि होती है और इस अवधि में बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक होती है तथा तापमान काफी गिर जाता है। ‘चिल्लई-कलां 31 जनवरी को समाप्त हो जाता है लेकिन इसके बाद भी कश्मीर में शीत लहर जारी रहती है।