पंजाब में स्वाइन फ्लू से तीन की मौत, बचाव के लिए अपनाएं ये तरीके

जनवरी की कंपा देने वाली ठंड में स्वाइन फ्लू का एन1एच1 वायरस पूरी तरह सक्रिय हो चुका है। यही वजह है कि नए साल से लेकर अब तक यानी महज 13 दिन में ही 33 लोगों को स्वाइन फ्लू ने जकड़ लिया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मोहाली के बाद लुधियाना जिला इस वायरस से घिर चुका है।

लुधियाना में रविवार तक कुल 9 पॉजिटिव मरीज रिपोर्ट हुए हैं। शेष मरीज फरीदकोट व फिरोजपुर में पाए गए हैं। खास बात यह है कि 90 फीसद मरीज प्रदेश के निजी अस्पतालों में उपचाराधीन हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि सरकारी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू के मरीजों के उपचार के लिए सभी पुख्ता इंतजाम हैं, लेकिन मरीजों का सरकारी अस्पतालों की ओर रुख न करना इस बात को इंगित करता है कि स्वाइन फ्लू जैसे प्राणघातक रोग से निजात पाने के लिए लोग किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहते।

सेहत विभाग ने जारी किया अलर्ट

अब स्वास्थ्य विभाग ने पंजाब में अलर्ट जारी कर दिया है। सभी सरकारी अस्पतालों के एसएमओ एवं डिस्ट्रिक्ट एपिडेमोलॉजिस्ट अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए गए हैं। सरकारी अस्पतालों में आइसोलेशन वाड्र्स दुरुस्त करने को कहा गया है, जबकि एपिडेमोलॉजिस्ट अधिकारी को स्वाइन फ्लू मरीजों को चिन्हित करने के आदेश दिए गए हैं। इनमें कहा गया है कि संदिग्ध बुखार से पीडि़त कोई मरीज सरकारी अथवा निजी अस्पतालों में आता है तो उसका सैंपल लेकर जांच के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थित स्वाइन फ्लू टेङ्क्षस्टग लैब में भेजा जाए। लैब में एलाइजा टेस्ट करवाया जाए और यदि मरीज स्वाइन फ्लू पॉजिटिव है तो इसकी जानकारी स्टेट को दी जाए। दूसरी तरफ स्टेट एपिडेमोलॉजिस्ट डॉ. गगनदीप ङ्क्षसह ग्रोवर का कहना है कि सिविल अस्पतालों में आइसोलेशन वाड्र्स बनाए गए हैं।

हवा में तैर रहा है एच1एन1 वायरस

पंजाब की आबोहवा में एच1एन1 वायरस तैरने लगा है। इसकी मुख्य वजह प्रदूषण है। मनुष्य के शरीर में सांस के जरिए प्रवेश करने वाला यह वायरस फेफड़ों पर प्रहार करता है। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, उनमें इस वायरस का प्रसार तेजी से होता है। फेफड़ों में सूजन आ जाती है और इससे जान जा सकती है। यह वायरस एलर्जी, शुगर एवं अस्थमा रोगियों को बड़ी आसानी से अपना निशाना बनाता है, इसलिए यह जरूरी है कि लोग इस मौसम में घर से बाहर निकलते समय मुंह ढककर रहें और हाई प्रोटीन आहार का सेवन करें।

स्वाइन फ्लू के लक्षण

यह जानलेवा वायरस सबसे पहले इंसान को जुकाम और बुखार की गिरफ्त में पहुंचाता है। बुखार 100 से अधिक हो सकता है।

  • इसके बाद तेज ठंड लगती है और गला खराब हो जाता है।
  • सांस लेने में तकलीफ होती है। गले में दर्द, सूजन हो जाती है। उल्टी होने लगती है।
  • भूख कम लगती है। मांसपेशियों में दर्द होने लगता है।

बचाव कैसे हो

  • अपने आहार का खास ख्याल रखें। खांसी अथवा छींक आने पर मुंह पर रुमाल अथवा टिशु रखें।
  • बाहर से घर लौटने पर हाथों को साबुन से अच्छी तरह धाएं। सेनेटाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • संदिग्ध बुखार से पीडि़त मरीज से हाथ न मिलाएं।
  • इस मौसम में सांस लेने में तकलीफ हो अथवा बुखार चढ़ता और उतरता हो तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।