डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ फैसले पर वैश्विक प्रतिक्रियाएं: भारत, चीन, कनाडा और खाड़ी देशों की क्या है स्थिति?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को “लिबरेशन डे टैरिफ्स” की घोषणा करते हुए वैश्विक व्यापार जगत को चौंका दिया। इस नई नीति के तहत अमेरिका ने लगभग सभी आयातों पर न्यूनतम 10% शुल्क और व्यापार घाटे वाले कुछ देशों पर इससे भी अधिक टैरिफ लगाने का ऐलान किया। ट्रंप ने इसे “अमेरिका की आत्मनिर्भरता और निष्पक्ष व्यापार की दिशा में क्रांतिकारी कदम” बताया, लेकिन बाकी दुनिया ने इसे संरक्षणवाद और वैश्विक व्यापार के लिए खतरा करार दिया है।

चीन: “आर्थिक युद्ध” का आरोप

चीन ने इस टैरिफ नीति को “आर्थिक युद्ध” करार देते हुए अमेरिका से आयातित कई उत्पादों पर 34% तक अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की है। बीजिंग ने अमेरिका के खिलाफ WTO में शिकायत भी दर्ज कर दी है। साथ ही चीन ने दुर्लभ खनिजों के निर्यात और पोल्ट्री आयात पर प्रतिबंध लगाने का संकेत दिया है।

यूरोपीय संघ: “व्यापार नियमों का उल्लंघन”

यूरोपीय संघ ने टैरिफ को WTO के नियमों के खिलाफ बताते हुए अमेरिका से वार्ता की मांग की है। आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा, “यह कदम वैश्विक व्यापार तंत्र को अस्थिर करेगा।” जर्मनी और फ्रांस जैसे देशों ने जवाबी टैरिफ की चेतावनी दी है।

भारत: संयमित लेकिन चिंतित

भारत ने ट्रंप के फैसले पर चिंता जताते हुए कहा कि यह नीति “अचानक और असंगत” है। भारत अब अमेरिकी टैरिफ का व्यापारिक मूल्यांकन कर रहा है और जरूरत पड़ने पर WTO में मुद्दा उठाने या जवाबी शुल्क लगाने की योजना पर विचार कर रहा है। भारत को विशेष रूप से टेक्सटाइल, दवाओं और ऑटो पार्ट्स निर्यात पर असर की आशंका है।

वियतनाम: “मेक इन वियतनाम” पर चोट

वियतनाम, जो अमेरिका का उभरता साझेदार है, ने इस फैसले को अपने आर्थिक मॉडल पर आघात बताया है। हनोई ने अमेरिका से उच्च स्तरीय व्यापारिक बातचीत की मांग की है और घरेलू उद्योगों को राहत देने की योजना बना रहा है।

मैक्सिको: “NAFTA समझौते के खिलाफ”

अमेरिका का पड़ोसी मैक्सिको इस फैसले से खासा नाराज़ है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह USMCA समझौते की भावना के विरुद्ध है और यदि टैरिफ वापस नहीं लिए गए तो कृषि और स्टील आयात पर टैक्स बढ़ाए जाएंगे।

कनाडा: “दोस्ती से विश्वासघात”

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इसे “गंभीर आर्थिक हमला” बताया है। कनाडा WTO में अपील के अलावा, अमेरिका से आयातित वस्तुओं की समीक्षा कर रहा है। ट्रूडो ने कहा कि “अमेरिका को मित्रता निभानी चाहिए, व्यापारिक टकराव नहीं खड़ा करना चाहिए।”

खाड़ी देश: अमेरिका से नाराज़

सऊदी अरब, यूएई, कतर जैसे खाड़ी देशों ने इस कदम को “वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के लिए खतरा” करार दिया है। अमेरिका द्वारा एल्यूमिनियम, तेल और पेट्रोकेमिकल्स पर टैरिफ लगाए जाने पर खाड़ी देशों ने संकेत दिया है कि वे अमेरिका के साथ व्यापार समझौतों की समीक्षा करेंगे और ऊर्जा परियोजनाओं में अमेरिकी कंपनियों की भूमिका घटा सकते हैं।

वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल

टैरिफ की घोषणा के बाद दुनियाभर के बाजारों में गिरावट देखी गई। लंदन का FTSE 100 और डॉव जोन्स इंडेक्स 5% से अधिक गिरे। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि यह व्यापार युद्ध आगे बढ़ा तो वैश्विक मंदी की स्थिति पैदा हो सकती है।

विशेषज्ञों की राय

वित्तीय संस्थानों ने चेतावनी दी है कि ये टैरिफ अमेरिका की घरेलू महंगाई बढ़ा सकते हैं। अनुमान है कि इससे हर अमेरिकी परिवार पर सालाना $5,000 तक का आर्थिक बोझ पड़ेगा।