छत्तीसगढ़ मुठभेड़: 1 करोड़ के इनामी माओवादी नेता बसवराजु समेत 27 नक्सली ढेर

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर-बिजापुर सीमा पर हुई एक बड़ी मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने 27 नक्सलियों को मार गिराया। मारे गए नक्सलियों में सीपीआई (माओवादी) का महासचिव और देश का मोस्ट वांटेड माओवादी नेता बसवराजु उर्फ नंबाला केशव राव भी शामिल है। बसवराजु पर सरकार ने ₹1 करोड़ का इनाम घोषित कर रखा था। यह जानकारी सरकारी सूत्रों ने दी।

यह मुठभेड़ बुधवार को नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में हुई, जब जिला रिजर्व गार्ड (DRG) की चार जिलों की टीमों ने गुप्त सूचना के आधार पर ऑपरेशन चलाया था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर अचानक गोलियां चलाईं, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में यह बड़ी सफलता हासिल हुई। मुठभेड़ के दौरान अभी और जानकारी आने की प्रतीक्षा है।

गृह मंत्री अमित शाह ने दी प्रतिक्रिया

गृह मंत्री अमित शाह ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए इस कार्रवाई को नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में एक “ऐतिहासिक उपलब्धि” बताया। उन्होंने लिखा,
“छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में हमारे सुरक्षा बलों ने 27 खूंखार माओवादियों को मार गिराया है, जिनमें नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजु भी शामिल हैं। यह पहली बार है कि भारत में तीन दशकों से चल रही नक्सलवाद की लड़ाई में किसी महासचिव स्तर के नेता को मार गिराया गया है। मैं हमारे बहादुर सुरक्षा बलों और एजेंसियों को इस बड़ी सफलता के लिए बधाई देता हूं।”

ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट में भी मिली सफलता

अमित शाह ने आगे कहा कि ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ के तहत अभी तक 54 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है और 84 ने आत्मसमर्पण किया है। यह ऑपरेशन छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र में चलाया जा रहा है। शाह ने एक बार फिर दोहराया कि 31 मार्च 2026 तक भारत को नक्सल-मुक्त बना देने का संकल्प लिया गया है।

पहले भी मिली थी बड़ी कामयाबी

इससे पहले मई महीने की शुरुआत में भी सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के कूररगुट्टालु पहाड़ियों (KGH) में अब तक के सबसे बड़े ऑपरेशन में 31 कुख्यात नक्सलियों को मार गिराया था। उस ऑपरेशन को केवल 21 दिनों में पूरा किया गया था, जिसमें सुरक्षा बलों का कोई नुकसान नहीं हुआ।

गृह मंत्री ने बताया – तिरंगे ने लिया लाल आतंक की जगह

गृह मंत्री ने कहा, “जहां पहले लाल आतंक का राज था, आज वहां तिरंगा लहरा रहा है। कूररगुट्टालु पहाड़ी कभी पीएलजीए बटालियन 1, डीकेएसजेडसी, टीएससी और सीआरसी जैसे बड़े नक्सली संगठनों का गढ़ हुआ करता था। लेकिन हमारे सुरक्षाबलों ने विषम परिस्थितियों और दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में अदम्य साहस का परिचय देते हुए इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।”

CRPF महानिदेशक ने की पुष्टि

सीआरपीएफ के महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने भी पुष्टि की कि इस अभियान में अब तक कुल 31 नक्सली मारे गए हैं, जिनमें से 28 की पहचान हो चुकी है।

भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा नक्सलवाद के विरुद्ध चलाए जा रहे यह अभियान अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचते दिख रहे हैं। 2026 तक “नक्सल-मुक्त भारत” का संकल्प अब और मजबूत होता नजर आ रहा है।