
हैदराबाद के पास पाशमाइलारम स्थित सिगाची इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड फार्मास्यूटिकल यूनिट में सोमवार (30 जून) सुबह हुए भीषण विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़कर 36 हो गई है। मंगलवार (1 जुलाई) को भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और आशंका है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है।
इस भयावह हादसे में अधिकांश मजदूर उत्पादन इकाई के भीतर फंसे हुए थे, जब रिएक्टर ब्लास्ट के कारण इमारत ढह गई। मंगलवार को घटनास्थल पर बचाव कार्यों की निगरानी के लिए खुद तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी पहुंचे। उनके साथ स्वास्थ्य मंत्री सी. दामोदर राजा नरसिम्हा, श्रम मंत्री विवेक वेंकटस्वामी, आईटी और उद्योग मंत्री डी. श्रीधर बाबू तथा राजस्व मंत्री पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारों को ₹1 करोड़ का मुआवज़ा और गंभीर रूप से घायल लोगों को ₹10 लाख देने की घोषणा की है। इसके साथ ही तत्काल राहत के रूप में मृतकों के परिवारों को ₹1 लाख और घायलों को ₹50,000 की सहायता राशि देने के निर्देश दिए गए हैं।
इस बीच, शवों की पहचान और डीएनए सैंपलिंग के लिए उस्मानिया जनरल हॉस्पिटल की एक विशेष फॉरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया गया है। अब तक 15 शवों का पोस्टमॉर्टम किया जा चुका है, जिनमें से केवल चार की पहचान हो सकी है। शेष की पहचान डीएनए जांच के बाद संभव होगी।
सिगाची इंडस्ट्रीज की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि विस्फोट के कारण उनकी मुख्य विनिर्माण संरचना को भारी नुकसान हुआ है और फिलहाल कंपनी के संचालन को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।
प्रशासन द्वारा मलबे को हटाने और फंसे हुए लोगों को निकालने का काम युद्धस्तर पर जारी है। राहत और बचाव कार्यों में एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और मेडिकल टीमों को लगाया गया है।
यह हादसा तेलंगाना के औद्योगिक क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी त्रासदियों में गिना जा रहा है, और राज्य सरकार की प्राथमिकता अब पीड़ित परिवारों को त्वरित सहायता और न्याय दिलाना है।