सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर निदेशालय को भेजा नोटिस

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के शिक्षा निदेशालय और मान्यता प्राप्त निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों की एक्शन कमेटी को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर जारी किया गया है, जिसमें निजी स्कूलों को बिना पूर्व अनुमति के फीस बढ़ाने की अनुमति दी गई थी।

यह याचिका ‘नया समाज पेरेंट्स एसोसिएशन’ द्वारा दायर की गई है, जिसमें दावा किया गया है कि दिल्ली के कई निजी स्कूलों ने फीस में भारी वृद्धि की है — कुछ मामलों में यह वृद्धि 100 प्रतिशत तक हुई है। इसके साथ ही, स्कूलों द्वारा छात्रों के खिलाफ दंडात्मक कदम उठाने की भी शिकायतें सामने आई हैं।

दिल्ली हाई कोर्ट ने इससे पहले दिल्ली सरकार के उस सर्कुलर पर रोक लगा दी थी, जिसमें कहा गया था कि जिन निजी स्कूलों को सरकारी जमीन पर जगह दी गई है, वे 2024-25 शैक्षणिक सत्र के लिए फीस बढ़ाने से पहले शिक्षा निदेशालय (DoE) से अनुमति लें। हाई कोर्ट के आदेश के बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है।

इसी बीच, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बीते महीने साफ तौर पर कहा था कि arbitrary तरीके से फीस बढ़ाने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एक प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री ने बताया कि कई माता-पिता उनसे मिलकर अपनी समस्याएं साझा कर चुके हैं।

उन्होंने कहा, “माता-पिता अपनी शिकायतों के साथ मुझसे मिलने आ रहे हैं। कोई भी स्कूल माता-पिता और बच्चों को डराने या परेशान करने का अधिकार नहीं रखता। फीस वृद्धि के नियम और प्रक्रियाएं हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है।”

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “अगर कोई स्कूल इन नियमों का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसे परिणाम भुगतने होंगे। हमने जिन स्कूलों के खिलाफ शिकायतें प्राप्त की हैं, उन्हें आज ही नोटिस जारी किया जाएगा।”

सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई से यह तय होगा कि क्या दिल्ली के निजी स्कूल बिना शिक्षा निदेशालय की अनुमति के फीस बढ़ा सकते हैं, खासकर तब जब वे सरकारी भूमि पर संचालित हो रहे हों।