
नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया है और शुरुआत से ही यह सत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं। विपक्ष ने चुनावी मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) और बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) की आत्महत्या समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है। वहीं सरकार का कहना है कि नियमों के तहत किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए वह तैयार है।
सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि “संसद ड्रामे की जगह नहीं, डिलीवरी की जगह है।” पीएम ने यह भी आरोप लगाया कि कई नेता चुनावी हार से उपजे गुस्से को संसद में निकालते हैं।
सरकार का विधायी एजेंडा: 14 विधेयक सदन में पेश होंगे
इस सत्र में 14 प्रमुख विधेयक लाए जाने की तैयारी है, जिनमें शामिल हैं—
- परमाणु ऊर्जा विधेयक — परमाणु ऊर्जा के उपयोग का नियमन और निजी क्षेत्र की भागीदारी
- उच्च शिक्षा आयोग विधेयक — उच्च शिक्षा के लिए केंद्रीय आयोग का गठन
- पान मसाला, तंबाकू उत्पादों पर उपकर और उत्पाद शुल्क बढ़ाने से जुड़े विधेयक
इसके अलावा श्रम संहिताओं, आर्थिक सुरक्षा, वायु प्रदूषण और विदेश नीति पर भी चर्चा की मांग की गई है।
विपक्ष के तीखे आरोप और रणनीति
- SIR के नाम पर मतदाता सूची में अनियमितता के आरोप
- BLO की लगातार आत्महत्याओं पर जवाबदेही की मांग
- दिल्ली धमाके के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा पर चर्चा
- महंगाई, बेरोजगारी और संघवाद की स्थिति पर सवाल
- विपक्ष शासित राज्यों के फंड रोकने और राज्यपालों की भूमिका पर भी सरकार को घेरने की योजना में
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर रविवार को शीर्ष नेताओं ने रणनीति बैठक की, जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी भी मौजूद रहे।
सत्र की अवधि पर टकराव
इस बार शीतकालीन सत्र में केवल 15 बैठकें होंगी, आमतौर पर 20 बैठकों की तुलना में यह काफी कम है।
विपक्ष ने आरोप लगाया कि—
“सत्र को छोटा कर लोकतंत्र की आवाज दबाई जा रही है और संसद को कमजोर किया जा रहा है।”
सरकार द्वारा ‘वंदे मातरम’ पर चर्चा का प्रस्ताव भी सामने रखा गया है, जिसके लिए लोकसभा में 10 घंटे का समय तय है। हालांकि विपक्षी दल इस पर विशेष उत्साहित नहीं दिखे।
राजनीतिक पृष्ठभूमि: बिहार चुनाव की गूंज
बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की जीत के बाद संसद का यह पहला सत्र है।
केंद्र की कोशिश रहेगी कि सदन के भीतर भी इस जीत को राजनीतिक बढ़त में बदला जाए और विपक्ष को रक्षात्मक स्थिति में लाया जाए।
सत्र का कार्यक्रम
- आरंभ: 4 दिसंबर
- समापन: 19 दिसंबर
- कुल बैठकें: 15
- विपक्ष की संज्ञा: “संक्षिप्त सत्र, सत्ता का शॉर्टकट”