ईरान-इज़राइल युद्ध पर विराम: ट्रंप की घोषणा के बाद संघर्षविराम लागू

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह घोषणा की है कि ईरान और इज़राइल एक क्रमबद्ध संघर्षविराम पर सहमत हो गए हैं। यह घोषणा ऐसे समय में आई जब दोनों देशों के बीच 12 दिन से चल रहा युद्ध अमेरिका को भी पूरी तरह से इसमें खींच लाने की ओर बढ़ रहा था।

मंगलवार सुबह करीब 3:00 बजे उत्तर और मध्य तेहरान में कई जोरदार धमाके सुने गए, जबकि युद्धक विमान आसमान में मंडरा रहे थे। ये धमाके संघर्षविराम लागू होने से महज एक घंटा पहले हुए, जो अमेरिकी समयानुसार सुबह 4:00 बजे से लागू होना था। हालांकि, ईरान ने शुरू में इस तरह के किसी भी समझौते से इनकार किया था और कहा कि संघर्षविराम की कोई पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन बाद में ईरानी विदेश मंत्री सैयद अब्बास अरक़ची ने संकेत दिया कि युद्धविराम प्रभाव में आ चुका है।

इस बीच, ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि यदि ईरान पर दोबारा हमला किया गया, तो उसे “और भी करारा और पछताने योग्य” जवाब मिलेगा। गार्ड्स के कमांडर मोहम्मद पाकपूर ने सरकारी टेलीविजन पर कहा, “हम उस मूर्ख और नासमझ अमेरिकी राष्ट्रपति को चेतावनी देते हैं कि अगर इस्लामी गणराज्य ईरान की पवित्र व्यवस्था या हमारी शहीदों की भूमि पर फिर से हमला हुआ, तो हम ऐसा सबक सिखाएंगे जिसे वह कभी नहीं भूल पाएगा।”

इज़राइल में ईरानी हमले में सात की मौत

संघर्षविराम लागू होने से पहले ईरान ने इज़राइली कब्जे वाले क्षेत्रों पर मिसाइलों की पांच लहरें दागीं। दक्षिणी इज़राइली शहर बे’र शेवा में एक ईरानी मिसाइल के रिहायशी इमारत पर गिरने से कम से कम सात लोगों की मौत हो गई। हमले की एक वीडियो क्लिप भी सामने आई है जिसमें इमारत पूरी तरह तबाह दिख रही है और आस-पास की कारें और पेड़ जल चुके हैं।

ईरान की सरकारी मीडिया के अनुसार, “यह हमला इज़राइल द्वारा हवाई हमलों को बंद करने की शर्त पर किया गया था।” ईरान ने इज़राइल के रमात गन शहर के निवासियों से इलाके को खाली करने को कहा था, क्योंकि उसने वहां हमले की चेतावनी दी थी।

ट्रंप की घोषणा और अमेरिकी हस्तक्षेप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार देर रात कहा कि यह संघर्षविराम उनकी “रणनीतिक जीत” है, जो उन्होंने ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर घातक हवाई हमले करने के बाद हासिल की। अमेरिका के इस कदम के जवाब में ईरान ने कतर और इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइलें दागीं, हालांकि कतर ने बताया कि अल उदीद एयरबेस पर कोई जनहानि नहीं हुई।

कतर के विदेश मंत्रालय ने हमले की आलोचना करते हुए इसे “आक्रामकता का खुला प्रदर्शन” बताया। ईरानी सशस्त्र बलों ने भी बयान जारी कर अमेरिकी कार्रवाई को “आपराधिक हमला” करार दिया।

12 दिन की जंग में सैकड़ों की मौत

तेहरान और यरुशलम के बीच 12 दिन तक चले संघर्ष में अब तक ईरान में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है, जबकि इज़राइल में दो दर्जन से अधिक नागरिक मारे गए हैं। इस युद्ध ने पश्चिम एशिया को युद्ध के मुहाने पर ला खड़ा किया था और अमेरिका की सीधी सैन्य भागीदारी से वैश्विक संकट की आशंका भी बढ़ गई थी।

हालांकि अब भी इज़राइल की ओर से संघर्षविराम की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन माना जा रहा है कि अमेरिका के दबाव में दोनों देशों ने फिलहाल हथियार डालने का फैसला किया है।


स्थिति अभी भी संवेदनशील बनी हुई है। अमेरिका और क्षेत्रीय देशों की निगरानी में संघर्षविराम लागू हुआ है, लेकिन आगे की स्थिति इस बात पर निर्भर करेगी कि दोनों देश इस पर कितनी गंभीरता से अमल करते हैं।