
हाल ही में सोशल मीडिया पर ‘घिबली-स्टाइल’ इमेज ट्रेंड तेजी से वायरल हो रहा है। इस ट्रेंड में लोग अपनी तस्वीरों को जापानी एनीमेशन स्टूडियो, स्टूडियो घिबली की विशिष्ट कला शैली में बदल रहे हैं। यह प्रवृत्ति ओपनएआई के नवीनतम इमेज जेनरेशन फीचर के कारण संभव हुई है, जिससे उपयोगकर्ता अपनी तस्वीरों को घिबली-शैली में परिवर्तित कर सकते हैं।
कैसे शुरू हुआ यह ट्रेंड?
इस ट्रेंड की शुरुआत सिएटल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर ग्रैंट स्लैटॉन द्वारा की गई थी। उन्होंने अपने परिवार और पालतू कुत्ते के साथ समुद्र तट पर खींची गई तस्वीर को घिबली शैली में बदलकर सोशल मीडिया पर साझा किया। उनकी पोस्ट को करीब 45,000 लाइक्स और 48 मिलियन व्यूज़ मिले, जिससे यह ट्रेंड देखते ही देखते वायरल हो गया।
ओपनएआई सीईओ ने दी प्रतिक्रिया
इस ट्रेंड की अप्रत्याशित लोकप्रियता के कारण, ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने उपयोगकर्ताओं से मजाकिया लहजे में धीमा होने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि उनकी टीम को भी आराम की जरूरत है और वे लगातार काम नहीं कर सकते।
ट्रेंड के साथ विवाद भी जुड़ा
जहां एक ओर यह ट्रेंड तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, वहीं दूसरी ओर कुछ कलाकार और आलोचक इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि एआई-जनित कला पारंपरिक कलाओं के महत्व को कम कर सकती है और रचनात्मकता की मौलिकता को खतरे में डाल सकती है।
स्टूडियो घिबली के सह-संस्थापक हायाओ मियाज़ाकी पहले भी एआई-जनित छवियों की आलोचना कर चुके हैं। उन्होंने 2016 में इसे “जीवन के लिए अपमान” तक कह दिया था।
क्या कहता है भविष्य?
विवादों के बावजूद, ‘घिबली-स्टाइल’ इमेज ट्रेंड ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी है। यह ट्रेंड एआई-जनित कला को मुख्यधारा में ला रहा है और डिजिटल युग में रचनात्मकता के नए दरवाजे खोल रहा है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह ट्रेंड लंबे समय तक टिकता है या फिर कुछ समय बाद सोशल मीडिया से गायब हो जाता है।