DM के तलाक में आया नया मोड़, पति-पत्नी और वो के बीच उलझा मामला, जानिए

पटना, जेएनएन। जमुई के जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार और पत्नी वत्सला सिंह के तलाक मामले में अब नया मोड़ आ गया है। मामला पति-पत्नी और वो का बताते हुए वत्सला ने अपने डीेएम पति पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि ‘मेरे पति मुझसे बात नहीं करते। माता-पिता और भाई तक की कॉल रिसीव नहीं करते।

उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले घर पर बंद लिफाफे में मेरे पति और उत्तरप्रदेश की एक महिला अधिकारी के बीच हुई बातों के कॉल रिकॉर्ड मिले। उससे कई आपत्तिजनक बातें सामने आईं। इन सबके बावजूद मैं पति पर किसी तरह का आरोप लगाना नहीं चाहती। केवल, मीडिया के माध्यम से पति तक अपनी फरियाद पहुंचाने आई हूं।’

शादी के तुरंत बाद बदल गया था पति का व्यवहार

सोमवार को संवाददाता सम्मेलन कर वत्सला सिंह ने पति पर ये आरोप लगाए और बताया कि  उसकी शादी 11 मार्च 2015 को 2013 बैच के आइएएस अधिकारी धर्मेंद्र कुमार से हुई थी। शादी के तुरंत बाद पति का व्यवहार बदल गया।

मकान अपने नाम करने का बना रहे थे दबाव

उन्होंने कहा कि पिता विनय सिंह ने मुझे तोहफे में बोरिंग रोड स्थित एक मकान दिया था, जिसे पति और ससुराल वाले अपने नाम पर कराने की जिद कर रहे थे। मैंने वक्त मांगा तो मुझे प्रताडि़त करने लगे। उन्होंने मुझे खुद से दूर कर दिया। परिवारवालों पर दबाव बनाने के बाद बगहा में पदस्थापना के दौरान वह मुझे अपने साथ लेकर गए, लेकिन कुछ दिन बाद बहाना बनाकर वापस भेज दिया।

लिफाफे ने खोला पति के अवैध संबंध का राज

हाल में मेरे घर पर एक लिफाफा आया। उसमें मेरे पति और उत्तरप्रदेश के हरदोई जिले के शाहाबाद की एसडीएम श्रद्धा शांडिल्यायन के बीच हुई बातचीत के प्रमाण थे। सत्यता की जांच कराई, तब मुझे मालूम हुआ कि बगहा में मेरे साथ रहने के बावजूद पति देर रात तक क्यों बाहर रहते थे?

वत्सला के मुताबिक श्रद्धा ने 2007 में आइईएस (इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस) अधिकारी आलोक मिश्रा से शादी की थी। उनका 10 साल का एक बेटा भी है। जनवरी, 2015 में धर्मेंद्र से जब मेरी सगाई हुई थी, तभी श्रद्धा ने लखनऊ फैमिली कोर्ट में पति से तलाक लेने की अर्जी दायर कर दी। उसका (श्रद्धा) बेटे के प्रति भी गैर जिम्मेदाराना रवैया है। बेटे को पति के पास छोड़ दिया और कभी उसे अपनाने की कोशिश तक नहीं की।

उन दोनों के बीच गहरे संबंध का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब श्रद्धा ने जल्दी तलाक लेने के लिए दोबारा इलाहाबाद कोर्ट में अपील की, तब मेरे पति ने भी पटना फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दे डाली।

21 नवंबर को जब मैं पति के सरकारी आवास पर गई थी, तब भी मेरे और परिजनों के साथ दुर्व्यवहार किया गया। उस वक्त पति ने छह दिसंबर को मिलने की बात कही थी, लेकिन नहीं आए। वह पहले भी ऐसा कर चुके हैं। मैं मीडिया के सामने अपने  रिश्तों को बचाने के लिए आई हूं।

कौन है चिराग चटवाल, वत्सला ने की 2700 से अधिक बार बात 

वहीं, सोशल मीडिया के हवाले से एक जानकारी प्राप्त हुई है, जिसके मुताबिक वत्सला सिंह शादी के बाद भी चिराग चटवाल नामक युवक से बातें किया करती थीं। धर्मेंद्र और वत्सला के रिश्तों में दरार की यह बड़ी वजह बताई जा रही है।

शादी के बाद वत्सला ने चिराग के मोबाइल नंबर पर 2700 से अधिक बार बात की है। इस पर वत्सला ने कहा कि उसकी दिल्ली की दोस्त अंकिता मित्तल के नंबर से चिराग की बात होती थी। वह नंबर उनका नहीं है। चिराग और अंकिता शादी करने वाले हैं।

वायरल ऑडियो पर वत्सला ने दी सफाई 

वत्सला और धर्मेंद्र के बीच बातचीत की पांच ऑडियो क्लिप वायरल हुई है। उसमें वत्सला कह रही है कि मुझे तुम्हारे माता-पिता के साथ नहीं रहना। मेरी मर्जी, हाफ-पैंट पहनकर रहूंगी। क्लिप के बारे में वत्सला ने कहा कि पति हमेशा इस लहजे में बात करते थे कि मैं उग्र हो जाऊं। हालांकि मैंने इस तरह की कोई बात नहीं कही। ऑडियो क्लिप की सत्यता की जांच कराई जा सकती है।

मेरा चरित्र हनन करने के लिए लगा रहे बेबुनियाद आरोप

पत्नी वत्सला सिंह के द्वारा लगाए गए आरोपों को जमुई के जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने बेबुनियाद और मनगढ़ंत बताया है। कहा कि मेरा चरित्र हनन करने के उद्देश्य से पारिवारिक मुद्दों की झूठी कहानी गढ़कर सार्वजनिक किया जा रहा है। यह मामला पारिवारिक है। कोर्ट में मैंने अपना पक्ष साक्ष्य के साथ रखा है।

वत्सला भी अपना पक्ष कोर्ट में रखें तो बेहतर होगा। मामला न्यायालय में विचाराधीन है, ऐसे में संवैधानिक पद पर रहते हुए मेरा कुछ भी कहना उचित नहीं है। आगे की जांच से सत्यता खुद सामने आ जाएगी।

आरोपों पर एसडीएम ने कहा-वत्सला के पास नहीं है कोई साक्ष्य

वत्सला सिंह के आरोपों पर उत्तरप्रदेश के हरदोई जिले के शाहाबाद की उप जिलाधिकारी श्रद्धा शांडिल्यायन ने कहा कि साजिश के तहत पारिवारिक विवाद में उनका नाम खींचा जा रहा है। विवाद से उनका कोई लेना-देना नहीं है। उनपर लगाए गए वत्सला के सभी आरोप बेबुनियाद हैं। वत्सला के पास कोई ऐसा साक्ष्य नहीं है, जो उनपर लगे आरोपों को सिद्ध कर सके।