20 नवंबर को नीतीश कुमार का शपथ ग्रहण, पीएम मोदी सहित शीर्ष नेता होंगे मौजूद; NDA का शक्ति प्रदर्शन

पटना: बिहार में एनडीए की ऐतिहासिक जीत के बाद राज्य में नई सरकार के गठन की तैयारियां तेज हो गई हैं। जनता दल (यू) प्रमुख नीतीश कुमार 20 नवंबर को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। यह कार्यक्रम बेहद भव्य होने वाला है और इसे एनडीए की ताकत का बड़ा प्रदर्शन माना जा रहा है।

पीएम मोदी और सभी एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री होंगे शामिल

सूत्रों के अनुसार, शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के शीर्ष मंत्री और एनडीए शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर इसे ‘एनडीए की एकजुटता और मजबूती’ के रूप में पेश करने की तैयारी है।

पटना प्रशासन पहले ही तैयारियों में जुट गया है। जिले के शीर्ष प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई, जिसमें सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन और वीवीआईपी मूवमेंट से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई।


एनडीए की प्रचंड जीत — बीजेपी 89, जेडीयू 85 सीटें

इस महीने हुए दो चरणों के विधानसभा चुनाव में एनडीए ने रिकॉर्ड जीत दर्ज की।
सीटों का कुल आंकड़ा 202 तक पहुंच गया —

  • बीजेपी: 89
  • जेडीयू: 85
  • एलजेपी (राम विलास): 19
  • हम (जीतन राम मांझी): 1
  • आरएलएम (उपेंद्र कुशवाहा): 1

एलजेपी (राम विलास) एनडीए का तीसरा बड़ा सहयोगी बनकर उभरी है, जिसकी भूमिका नीतीश सरकार में भी अहम रहने वाली है।


नए मंत्रिमंडल का संभावित बंटवारा

रिपोर्ट के मुताबिक, नए कैबिनेट के गठन को लेकर लगभग सहमति बन चुकी है:

  • बीजेपी को मिल सकते हैं: लगभग 15 मंत्री पद
  • जेडीयू को मिल सकते हैं: लगभग 14 मंत्री पद
  • एलजेपी (राम विलास) को मिल सकते हैं: 3 मंत्री पद
  • हम (जीतन राम मांझी) को: 1 मंत्री पद
  • आरएलएम (उपेंद्र कुशवाहा) को: 1 मंत्री पद

गठबंधन के भीतर इस संतुलन को ‘स्थिर और प्रभावी शासन’ के लिए अहम माना जा रहा है।


एनडीए के नेता के रूप में नीतीश की आधिकारिक चुनाव प्रक्रिया आज

सूत्रों के अनुसार, एनडीए गठबंधन की ओर से नीतीश कुमार को औपचारिक रूप से नेता चुने जाने की प्रक्रिया आज पूरी कर ली जाएगी। यह फैसला एकमत से होने की संभावना है, क्योंकि नीतीश, चुनावी परिणामों के बाद भी एनडीए के सबसे स्वीकार्य नेता बने हुए हैं।


10वीं बार लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ

नीतीश कुमार के लिए यह ऐतिहासिक अवसर होगा, क्योंकि वह दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं।
नीतीश पहली बार 2005 में मुख्यमंत्री बने थे और उन्हें बिहार को विकास की राह पर लाने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने लालू प्रसाद यादव की जगह सत्ता संभाली और लंबे समय तक राज्य की राजनीति पर मजबूत पकड़ बनाए रखी।

उनके लंबे कार्यकाल में एक छोटा सा अंतराल तब आया था जब 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने अपने सहयोगी जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप दी थी। बाद में दोनों के रिश्ते राजनीतिक रूप से बदल गए और अब मांझी एनडीए के एक सहयोगी दल के प्रमुख हैं।