ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों के लिए विशेषज्ञों ने एक खास अल्ट्रासाउंड मशीन तैयार की है। यह मशीन हेयरबैंड की शक्ल में होगी, जो मरीज के सिर पर लगने के बाद मस्तिष्क का अल्ट्रासाउंड करने के साथ ही दवा के प्रभाव को बढ़ाने का भी काम करेगी। इसे सोनोथोम्बोलायसिस हेडफ्रेम कहा जा रहा है। ब्रेन स्ट्रोक के मरीज को टिश्यू प्लास्मिनोजेन एक्टिवेटर (टीपीए) नामक एक रक्त थक्का रोधी दवा नॉन-ब्लीडिंग स्ट्रोक के शुरुआती तीन घंटे के भीतर दी जाती है। इसे देने के बाद उस मरीज के दिमाग की धमनियों की स्थिति का आकलन करने के लिए अल्ट्रासाउंड किया जाता है। शोध के दौरान देखा गया कि अल्ट्रासाउंड के दौरान उसके वाइब्रेशन से दवा सामान्य की तुलना में तेजी से घुली। इससे मरीज पर दवा का प्रभाव तय समय से पहले ही सामने आने लगा। ऐसा होने पर मरीज सामान्य की तुलना में ढाई गुना ज्यादा रफ्तार से ठीक हुए। अब इस डिवाइस को पेटेंट कराने की तैयारी की जा रही है।