मथुरा। उत्तर प्रदेश की राजनीति को हिलाने वाले मथुरा के जवाहरबाग हिंसा कांड में कोर्ट का फैसला आ गया है। इनमें 47 में से 45 आरोपियों को दोषी पाया गया है जबकि दो को बरी कर दिया गया है। सभी दोषी को तीन-तीन वर्ष कैद की सजा दी गई है।
मथुरा के जवाहर बाग में आलू खोदाई के दौरान रामवृक्ष यादव के समर्थकों ने उद्यान विभाग के कर्मचारियों से मारपीट कर दी थी। इस मामले में आज अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। 45 लोगों को दोषी करार दिया गया है, जबकि दो महिलाओं को बरी कर दिया।
16 मार्च 2016 को उद्यान विभाग के कर्मचारी से घर में घुसकर मारपीट करने के मामले में यह फैसला आया है। इस मामले में रामवृक्ष यादव के साथ रामायण, योगेन्द्र, नवल किशोर, प्रिंस, राहुल, राजेश, चरन सिंह और प्रेमपाल पर भी मारपीट करने के आरोप थे। एसीजेएम सेकंड सीनियर डिवीजन जहेन्द्र पाल सिंह की अदालत ने मामले में 45 आरोपियों को दोषी करार दिया। कोर्ट ने मुख्य आरोपी चंदन बोस की पत्नी व श्यामवती नामक एक महिला को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त कर दिया।
मथुरा के बहुचर्चित जवाहरबाग कांड में उद्यान कर्मियों के साथ मारपीट के मामले में 47 में से 45 आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार दिया है।