धर्म और संस्कृति में किसी की आस्था में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहींः योगी आदित्यनाथ

भिवानी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धर्म हमें कर्तव्य और नैतिक मूल्यों का बोध कराता है। भारतीय धर्म और संस्कृति में किसी की आस्था में हस्तक्षेप करने का अधिकार किसी को नहीं है। योगी आदित्यनाथ गांव हालुवास में बाबा बालकनाथ आश्रम में आयोजित 32 मान भंडारे में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

योगी ने कहा कि हरियाणा की धरती सिद्धों और चमत्कारों की धरती है। जब-जब देश पर कोई संकट आया है तो यहां के युवाओं ने शहादत दे देश की रक्षा की। वर्तमान में भी यहां के वीर जवान विदेशी आक्रांताओं को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप ने मेवाड़ की धरती से राष्ट्रभक्ति का संदेश दिया था। महाराणा प्रताप का शौर्य और वीरता आज भी हमारे दिलों में रची-बसी है, जो हमारे लिए राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि बाबा बालकनाथ की तपस्या और महाराणा प्रताप के शौर्य और पराक्रम से शिक्षा लेकर समाज की भलाई के लिए कार्य करना चाहिए। बाबा बालक नाथ के प्रति हरियाणा ही नहीं बल्कि हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित देशभर में श्रद्धा का भाव है। उन्होंने एक हजार साल पहले भक्ति व सिद्धी के साथ लोकहित में कार्य किए। उनके मन में किसी के प्रति भेदभाव नहीं था।

उन्होंंने कहा कि आदि शंकराचार्य ने विषम परिस्थितियों में देश के चारों कोनों में चार पीठों की स्थापना की। उन्होंने मौसम व काल की परवाह किए बिना पैदल चलकर सनातन धर्म का संदेश दिया। इसी प्रकार गुरु गोरक्षनाथ के मठ व धूणे देशभर में समानरूप से मिलते हैं, जो हमारे अंदर लोक कल्याण का भाव जीवित रखते हैं।