बीएचयू नर्सिंग कॉलेज की मान्यता को लेकर छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन, चीफ प्रॉक्टर ने की पिटाई

बीएचयू में एक बार फिर गुरुवार को माहौल गरम हो गया। इस बार बीएचयू नर्सिंग कॉलेज की मान्यता न होने के विरोध में छात्र-छात्राओं ने कॉलेज के सामने रास्ता जाम कर धरना-प्रदर्शन किया। उनकी मांग थी कि जब 2015, 2016 और 2017 की मान्यता नहीं थी तो विश्वविद्यालय ने प्रवेश क्यों लिया।

बीएचयू बीएससी नर्सिंग के छात्र-छात्राओं का कहना है कि उनका कॉलेज इंडियन नर्सिंग काउंसलिंग से मान्यता प्राप्त नहीं है। इसे लेकर उन्होंने दो साल पहले डीन और डायरेक्टर को पत्र लिखा। उन्होंने मौखिक आश्वासन दिया कि आपकी समस्या का हल निकाल लिया जाएगा।

महीने भर पहले वो कुलपति से भी मिले। उन्होंने भी आश्वासन दिया लेकिन अब तक हुआ कुछ नहीं। उन्होंने साथ ही कहा कि 29 नवबंर के धरने की जानकारी 28 नवबंर को चीफ प्रॉक्टर और डॉयरेक्टर आफिस सहित अन्य जगहों पर दी जा चुकी थी।

उनका आरोप है कि सूचना पाकर मौके पर सुरक्षा गार्डों संग पहुंची चीफ प्रॉक्टर रोयाना सिंह ने छात्राओं को थप्पड़ मारा और सुरक्षा गार्डो ने बदसलूकी की। इसके बाद छात्राएं और नाराज हो गई। उन्होंने बताया कि जब पहले सूचना दी गई थी तो चीफ प्रॉक्टर ने थप्पड़ क्यों मारा और क्यों बदसलूकी की गई।

छात्रों का कहना है कि 2015, 2016 और 2017 बैच के छात्र-छात्राओं के सामने उनके कॅरियर का संकट खड़ा हो गया है। 2015 बैच के छात्रों का पाठ्यक्रम छह महीने बाद खत्म हो रहा है। ऐसे में छह महीने के अंदर मान्यता के संबंध में कुछ नहीं हुआ तो उनकी डिग्री ही मान्य नहीं होगी।

दरअसल, नर्सिंग कॉलेज इंडियन नर्सिंग काउंसिल से मान्य नहीं है। ऐसे में उनकी डिग्री भी मान्य नहीं होगी। ऐसे 260 छात्र-छात्राओं को अपने कॅरियर की चिंता है। इन छात्र-छात्राओं ने बुधवार को केंद्रीय कार्यालय पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराई और कार्यालय में ज्ञापन सौंपा।

इस बारे में कालेज की डॉ. डीएलसी अग्रहरि ने बताया कि टीचिंग स्टाफ और संसाधन की कमी के कारण इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने मान्यता रोक रखी है। विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह से प्रयासरत है कि पुन: मान्यता मिल जाए।