हेमंत सरकार: सीएम बोले- अधिकारियों को मुख्यालय से उठाकर पंचायत तक पहुंचाया, गांव के अंतिम व्यक्ति को मिला योजना का लाभ

शासन में सबसे अधिक सुकून इस बात से है कि ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर मुख्यालय में बैठे रहने वाले अधिकारी पूरे सरकारी महकमे के साथ अब गांव, पंचायत और लोगों के घरों तक पहुंच रहे हैं। रात दो बजे तक लोगों की समस्यायें न सिर्फ सुनी जा रही हैं बल्कि पदाधिकारी जमीन पर बैठ कर उसका समाधान भी कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री अपनी सरकार के दो वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में करीब दो घंटे तक पत्रकारों के सवालों का जवाब देते रहे। इस दौरान उन्होंने दो वर्षों का रिपोर्ट कार्ड और भविष्य का रोडमैप भी प्रस्तुत किया। आपके अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के माध्यम से करीब 35 लाख प्राप्त आवेदनों में से 25 लाख से अधिक का ऑन द स्पॉट समाधान कर दिया गया। इसमें केवल पेंशन के लिये 3.70 लाख आवेदन आये जिसमें 2.45 लाख नये पेंशन लाभुक इस कार्यक्रम के माध्यम से जुड़े हैं। इन्हें जल्द पेंशन की राशि महीने की पांच तारीख को मिलने लगेगी।

बिना परीक्षा दिये कलेक्टर डीएसपी बनने वालों से भाजपा हटाये पर्दा

जेपीएससी पर उठे विभाग से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने सरकार के हस्तक्षेप से संबंधित एक भी मामला सामने लाकर दिखाने की खुली चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि यह स्वतंत्र संस्था है और सरकार का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों से जेपीएससी या जेएसएससी की परीक्षा नियमावली नहीं बनाई गई।

20 सूत्री बोर्ड निगम पर निर्णय सबको लेना है

मुख्यमंत्री ने सत्तासीन गठबंधन के घटक दलों के बीच बीस सूत्री समितियों के पदों के बंटवारे पर कहा कि गठबंधन की सरकार में सबको मिलकर निर्णय लेना है। उन्होंने अपनी सहमति दे दी है। अब सहयोगी दलों से मसले पर सवाल होना चाहिये। 

ओमिक्रॉन पर सतर्क, समीक्षा जल्द, छोटी कक्षायें अभी नहीं खुलेंगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि जीनोम सीक्वेंसिंग की मशीन रिम्स में बहुत जल्द स्थापित की जाएगी। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों की गुरुवार को मुख्य सचिव के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा की जाएगी।

पंचायत चुनाव पर संक्रमण का साया

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत चुनाव सरकार कराना चाहती है, लेकिन एक बार फिर कोरोना संक्रमण पैर पसार रहा है। नए-नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के चुनाव को लेकर भी कई तरह के सुझाव सामने आ रहे हैं। ऐसे में सरकार झारखंड में पंचायत चुनाव पर कोई भी निर्णय अब कोरोना संक्रमण की समीक्षा के बाद ही ले सकेगी।

कैबिनेट विस्तार या पुनर्गठन पर विचार फिलहाल नहीं

मंत्री ने कहा कि सरकार तमाम विभागों की मैराथन समीक्षा करते आई है। मंत्रिमंडल में फेरबदल की परंपरा झारखंड में नहीं रही है। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि मंत्री परिषद की संख्या बढ़ाई भी तो जा सकती है।

एचईसी को चलाने का अनुभव होता तो अधिग्रहण कर लेते

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में केंद्र सरकार के कई उपक्रम हैं। निजी क्षेत्र की कंपनियां सीमित संख्या में है। राज्य सरकार को केंद्रीय उपक्रमों को संचालित करने का अनुभव नहीं है। यदि होता तो एचईसी के अधिग्रहण से इनकार नहीं करते। इतनी देरी नहीं होती।