आगरा व कानपुर में मेट्रो रेल का संचालन शुरू कराने जा रहे हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साढ़े चार साल में शहरों में बेहतरीन यातायात की सुविधाएं दी हैं।
आगरा में 30 नवंबर से और कानपुर में 31 जनवरी 2022 से मेट्रो रेल चलाने के लिए रेवेन्यू ऑपरेशन शुरू करने की तैयारी है। लेकिन स्मार्ट सिटी के सुस्त कार्यक्रम अभी भी चुनौती बने हुए हैं।
आगरा में दो कॉरिडोर में मेट्रो रेल परियोजना का काम चल रहा है। सिकंदरा से ताज ईस्ट गेट और आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक काम चल रहा है। पहले कॉरिडोर की लंबाई 14 किमी और दूसरे की 15.4 किमी है। दोनों कॉरिडोर में कुल 27 स्टेशन होंगे।
कानपुर में पहले चरण में आईआईटी कानपुर से मोतीझील लगभग नौ किमी तक मेट्रो रेल चलेगी। कानपुर में दो कॉरिडोर में काम चल रहा है।
मुख्यमंत्री इसके साथ ही लखनऊ मेट्रो रेल फेज-वन बी की आधाशिला रख सकते हैं। फेज-वन बी में चारबाग से बसंतकुंज तक मेट्रो रेल चलेगी। इसकी कुल लंबाई 11.165 किमी होगी और कुल 12 स्टेशन होंगे। इस पर 4888 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
स्मार्ट सिटी की चुनौतियां
सरकार ने जहां मेट्रो रेल परियोजना में बेहतर काम किया है, वहीं उसके लिए स्मार्ट परियोजना में अभी भी कई चुनौतियां हैं। खासकर केंद्र से मिलने पैसे को उपयोग करते हुए परियोजनाओं को धरातल पर उतारना होगा। केंद्र सरकार ने यूपी के 10 शहरों को लखनऊ, कानपुर, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, झांसी, बरेली, सहारनपुर और मुरादाबाद को स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए चुना है।
चुनौतियों से पार पाना होगा
– स्मार्ट सिटी परियोजनाओं को पूरा कराने पर ध्यान केंद्रित करना होगा
– केंद्र से मिले पैसों के आधार पर टेंडर निकाल कर काम शुरू कराना होगा
– शहरों में छोटे-मोटे कामों को छोड़कर अधिकतर बड़े काम फंसे हुए हैं
– केंद्र से रुका हुए बजट को प्राप्त करने की दिशा में काम करना होगा