रोपवे परियोजना में बिना तोड़फोड़ के निर्माण का प्रस्ताव दिया, साजन तिराहे से रथयात्रा के बीच फिर से होगा सर्वे, 10 सितंबर तक भेजी जाएगी रिपोर्ट

वाराणसी में यातायात का नया विकल्प बनने को तैयार कैंट से गोदौलिया के बीच की रोपवे परियोजना अब धरातल पर उतरने को तैयार है। रोपवे परियोजना की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कर रही वैपकास कंपनी ने प्रदेश के सबसे लंबे प्रस्तावित रोपवे परियोजना की जानकारी साझा की। इसमें कैंट से गोदौलिया के बीच कुछ जगहों पर एलाइंमेंट में आ रही तकनीकी दिक्कत को दूर करने के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) के साथ वैपकास की टीम एक सर्वे और करेगी। रोपवे का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) 10 सितंबर तक भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय को सौंप दिया जाएगा।

मंडलायुक्त सभागार में बुधवार को हुए प्रजेंटेंशन में कैंट से गोदौलिया के बीच रोपवे सेवा पर विस्तार से जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया कि कमलापति त्रिपाठी इंटर कालेज के सामने रोपवे का पहला स्टेशन होगा। गोदौलिया से पहले साजन तिराहे और रथयात्रा पर भी यात्रियों को चढ़ने और उतरने का विकल्प दिया जाएगा। वैपकास ने इसमें कुछ निर्माणों को भी चिह्नित किया है, जिन्हें परियोजना के लिए शिफ्ट करने की जरूरत बताई गई है।

मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने साजन तिराहे से गोदौलिया के बीच के रूट को और सीधा करने का प्रस्ताव दिया। इस पर सहमति बनी कि वीडीए की टीम के साथ संयुक्त सर्वे तीन दिन में पूरा कर लिया जाएगा। सात सितंबर को वैपकास की टीम के साथ अंतिम बैठक कर रोपवे परियोजना की रिपोर्ट भारत सरकार को भेज दी जाएगी।

500 यात्री कर सकेंगे एक साथ यात्रा

पांच किलोमीटर लंबे रूट पर एक तरफ से 25 ट्राली के संचालन का प्रस्ताव दिया गया है। इसमें एक साथ 500 यात्री रोपवे की सेवा का लाभ उठा सकेंगे। वैपकास के अनुसार प्रतिदिन 15 से 20 हजार लोगों को रोपवे का लाभ मिल सकेगा। कैंट से गोदौलिया की दूरी 14 मिनट में पूरी की जा सकेगी। फिलहाल जाम और अन्य कारणों से इस दूरी को सड़क मार्ग से तय करने में 25 से 30 मिनट का समय लगता है।

बिना तोड़फोड़ के होगा निर्माण

रोपवे परियोजना में बिना तोड़फोड़ के निर्माण का प्रस्ताव दिया गया है। इसमें रथयात्रा से गोदौलिया के बीच संकरे रास्ते में भी रोपवे आसानी से गुजर जाएगा। इसके लिए रोपवे की ऊंचाई पर विचार किया जा रहा है। पांच किलोमीटर के रोपवे पर 424 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। जबकि इससे पहले मेट्रो परियोजना के प्रस्ताव पर शहर में तोड़फोड़ के साथ ही इस रूट पर तीन हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के खर्च का अनुमान था।

विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया कि इस परियोजना पर 80 फीसदी भारत सरकार और 20 फीसदी राज्य सरकार खर्च करेगी। 10 सितंबर तक पूरी रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी जानी है। इससे पहले सुझावों के आधार पर सर्वे किया जाएगा।

एक नजर में

– कैंट से गोदौलिया के बीच पांच किलोमीटर लंबा रोपवे रूट

– 424 करोड़ रुपये खर्च किया गया है आकलन

– कैंट और गोदौलिया के अलावा साजन तिराहा और रथयात्रा पर भी स्टेशन

– एक साथ 500 यात्री रोपवे पर कर सकेंगे सफर

– प्रतिदिन 15 से 20 हजार यात्रियों को सहूलियत, 14 मिनट में पूरा होगा सफर