झारखंड सरकार का बड़ा ऐलान, किसानों को स्मार्टफोन, बेटियों को भी तोहफा

राज्य के किसानों को मोबाइल फोन देने और मुख्यमंत्री सुकन्या योजना को कैबिनेट ने गुरुवार को अपनी मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में हुई  कैबिनेट की बैठक में तय हुआ कि पहले चरण ई-नैम में पंजीकृत 21,878 किसानों को मोबाइल दिए जाएंगे। जैसे-जैसे किसान ई-नैम में रजिस्टर्ड होते जाएंगे, उन्हें मोबाइल मिलता जायेगा। वित्तीय वर्ष 2019-20 में सरकार 28 लाख किसानों को इससे लाभान्वित करने का लक्ष्य है। वहीं, मुख्यमंत्री सुकन्या योजना में जन्म से दो साल तक की बच्ची की मां के बैंक खाते में 5000 हजार रुपये दिये जायेंगे। बच्ची के क्लास एक में नामांकन कराने तथा पांचवीं, आठवीं, 10वीं और 12वीं पास करने पर पांच-पांच हजार रुपये दिये जायेंगे। साथ ही 18-20 साल की उम्र होने पर उन्हें 10 हजार रुपये मिलेंगे।

कैबिनेट की बैठक में बाद महिला बाल विकास विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने बताया कि योजना में 27,46,106 परिवार और 21 दिसंबर तक अंत्योदय योजना के 9,11,217 राशन कार्डधारियों लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री सुकन्या योजना का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड और बैंक खाता जरूरी है। बच्ची की मां के आधार पर ही उसे लाभ मिलेगा। अगर किसी बच्ची की मां नहीं है तो पिता के दस्तावेज लिये जायेंगे और अगर बच्ची अनाथ है तो चाइल्ड वेलफेयर कमिटी से सर्टिफिकेट लिया जायेगा।  लक्ष्मी लाडली योजना का लाभ पा चुकी छात्राओं की राशि में कटौती होगी। मुख्यमंत्री सुकन्या योजना में सात स्तर पर बच्चियों को राशि दी जानी है।

लक्ष्मी लाडली योजना में किसी बच्ची को 6000 रुपये का एनएसी दिया है तो उसे सुकन्या योजना के तहत जन्म से दो साल की राशि का लाभ नहीं मिलेगा। वहीं, जिसे 12 हजार का एनएसी दिया गया है उसे क्लास एक में नामाकंन तक का, 18 हजार के एनएसी पाने वाली छात्रा को आठवीं पास करने तक की राशि का लाभ नहीं मिलेगा। साथ ही 24 हजार की एनएसी पाने वाली छात्रा को 10वीं पास करने तक की राशि नहीं मिलेगी और लक्ष्मी लाडली योजना में 30 हजार का एनएसी पा चुकी छात्राओं को इस सुकन्या योजना का नहीं मिलेगा।

ई-नैम में रजिस्टर्ड किसानों को ही मोबाइल
कैबिनेट के बाद कृषि सचिव पूजा सिंघल ने बताया कि किसानों को मोबाइल लिए 4.37 करोड़ मंजूर किये गए हैं। इन किसानों को स्मार्ट फोन या ऐसा फोन दिया जायेगा जिस पर कृषि से जुड़े सभी एप खुल सके। इस फोन के जरिये किसान कृषि से संबंधित जानकारी हिंदी और अंग्रेजी में ले सकेंगे। भविष्य में क्षेत्रीय भाषाओं को भी इसमें डाला जायेगा।