पैथ लैब व नर्सिंग होम पर नकेल कसने की तैयारी, दिल्ली सरकार करेगी ये काम

राजधानी दिल्ली में पैथोलॉजी लैब, क्लीनिक और नर्सिंग होम के पंजीकरण-विनिमयन के लिए सरकार दिल्ली स्वास्थ्य विधेयक लाने जा रही है। इस विधेयक के तहत सरकार पैथोलॉजी लैब और क्लीनिक के पंजीकरण के अलावा इनकी गुणवत्ता, सुविधाओं पर भी नजर रख सकेगी।

पिछले महीने दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि नर्सिंग होम-अस्पतालों की कई ऐसी शिकायतें आई हैं कि वे गंभीर हालत में आए मरीजों को बिना प्राथमिक उपचार दिए दूसरे अस्पतालों में भेज देते हैं। अब विधेयक पारित होने पर नर्सिंग होम और अस्पतालों के लिए यह जरूरी हो जाएगा कि वे उनके यहां गंभीर हालत में आए मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रेफर करने से पहले उनकी हालत को स्थिर करेंगे, ताकि दूसरे अस्पताल में जाने से पहले मरीज की जान को खतरा न हो। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने स्वास्थ्य विभाग को इस विधेयक के लिए मंजूरी दे दी है। अगले माह इसे सरकार की कैबिनेट में पेश किया जाएगा। एक समिति की ओर से तैयार किया गया यह विधेयक दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव को भेजा गया था।

हाईकोर्ट ने लगाई थी फटकार : पिछले माह हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि अवैध तरीके से चल रहे पैथोलॉजी लैब नियमों-कानूनों को ताक पर रख कर आम लोगों की जान जोखिम में डाल हैं।

दिल्ली में इस वक्त सिर्फ 132 लैब ही ऐसी हैं, जिनको चलाने की कानूनी अनुमति पैथोलॉजी लैब चलाने वाले संचालकों के पास हैं। लेकिन, हजारों की तादाद में दिल्ली में अवैध पैथोलॉजी लैब धड़ल्ले से चल रही हैं।

‘क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट की जरूरत पूरा करेगा’

दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव संजीव खेरवाल ने बताया कि यह विधेयक केंद्र सरकार के क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 की जरूरतों को पूरा करेगा। हाल ही में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस एक्ट को दिल्ली में लागू न होने पर सवाल उठाए थे।

इन बातों पर जोर होगा 

  • पैथोलॉजी लैब, नर्सिंग होम के अलावा एक डॉक्टर वाले क्लीनिक भी पंजीकृत होंगे
  • विधेयक सुनिश्चित करेगा कि क्लीनिक से लोगों को न्यूनतम सुविधाएं-सेवाएं मिल रही हैं या नहीं
  • विधेयक के तहत स्वास्थ्य सुविधा देने वाले संस्थानों के लिए जरूरी हो जाएगा कि वे किसी गंभीर हालत में आए मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रेफर करने से पहले उनकी हालत को स्थिर करेंगे
  • आईवीएफ केंद्र, डेंटल क्लीनिक और आंखों के क्लीनिक के पंजीकरण के लिए दिशा-निर्देश जारी होंगे