सारा और सुशांत की ‘केदारनाथ’ फिल्म को बड़ी राहत, कोर्ट ने रिलीज पर रोक लगाने से किया इनकार

विवादों से घिरी सारा अली खान और सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म ‘केदारनाथ’ के लिए राहत भरी खबर है।

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ‘केदारनाथ’ की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। साथ ही इससे संबंधित याचिका भी खारिज कर दी है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फिल्म के खिलाफ डीएम रुद्रप्रयाग को प्रत्यावेदन देने को कहा है।
उत्तराखण्ड की संस्कृति और परंपराओं को ताक पर रखकर बनी फिल्म केदारनाथ की रिलीज पर उठे विवाद के बीच उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी।

विदेशी रुपयों के दम पर फिल्म का निर्माण

याचिका में आरोप लगाया गया था कि भगवान केदारनाथ का अपमान करते हुए विदेशी रुपयों के दम पर फिल्म का निर्माण किया गया है।
याचिकाकर्ता स्वामी दर्शन भारती ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर प्रार्थना की थी कि फिल्म केदारनाथ में पहाड़ समेत हिंदुओं की आस्था और विश्वास के साथ भद्दा मजाक किया गया है।
फिल्म में दिखाया गया है कि केदारनाथ में सैकड़ों वर्षों से मुस्लिम समाज के लोग रहते हैं जबकि वहां एक भी मुस्लिम या इस्लामिक परिवार नहीं रहता है। फिल्म निर्माता ने केदारनाथ की आपदा को लव जिहाद से जोड़कर आस्था और विश्वास पर कुठाराघात किया है।
सेंसर बोर्ड को भी ज्ञापन भेज आपत्ति दर्ज कराई
फिल्म में लड़का मुस्लिम और लड़की हिन्दू है और इनकी शादी को लेकर लड़की वाला परिवार कहता है कि अगर प्रलय भी आ जाएगा तो शादी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि फिल्म के प्रोमो/ट्रेलर में दिखाया गया है कि हीरो कहता है कि हमारे पूर्वज सदियों से केदारनाथ में रहते आ रहे हैं जबकी ऐसा नहीं हैं।
याची द्वारा सेंसर बोर्ड को भी ज्ञापन भेज आपत्ति दर्ज करा दी गई है। याची का कहना है कि केदारनाथ देश के लिए मोक्ष धाम के रूप में प्रचलित है और जगत गुरु शंकराचार्य ने भी चार धाम की स्थापना के बाद यही शरीर त्यागा था।
केदारनाथ और बद्रीनाथ मन्दिर समिति ने भी याचिका में साथ देते हुए कहा था कि फिल्म निर्माण में उनसे कोई अनुमति नहीं ली गई है।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में एक समिति गठित

केदारनाथ त्रासदी वर्ष 2013 को केंद्र में रखकर एक प्रेमकथा पर बनी फिल्म ‘केदारनाथ’ के उत्तराखंड में रिलीज होने पर पेच फंस गया है।
प्रदेश में फिल्म के कई दृश्यों पर आपत्ति और विरोध की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है।
समिति में डीजीपी अनिल रतूड़ी, सचिव गृह नितेश झा और सचिव सूचना दिलीप जावलकर शामिल हैं। यह समिति फिल्म के सात दिसंबर को रिलीज होने से पहले अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी।