श्रीनगर। सुरक्षबलों ने 16 दिन पहले आतंकी संगठन तहरीकुल मुजाहिदीन का डिविजनल कमांडर बने शौकत बिन युसुफ उर्फ खालिद दाऊद सलाफी को दुगाम पुलवामा में आठ मिनट की मुठभेड़ में ढेर कर दिया। अलबत्ता, उसके अन्य साथी वहां से भागने में कामयाब रहे। शौकत समेत तीन युवक इसी माह तहरीक उल मुजाहिदीन में शामिल हुए थे।
जानकारी के अनुसार, एक विशेष सूचना पर सेना की 50 आरआर और राज्य पुलिस के विशेष अभियान दल के जवानों ने मिलकर काकपोरा पुलवामा में दुगाम के पास नाका लगाया हुआ था। जवानों को पता चला था कि वहां से आतंकियों का एक दल गुजरने वाला है। नाका पार्टी ने तड़के कुछ लोगों को वहां से गुजरते देख, उन्हें रुकने और अपनी पहचान बताने के लिए चेतावनी दी। लेकिन इन लोगों ने नाका पार्टी पर फायर करते हुए वहां से भागने का प्रयास किया। इस पर जवानों ने भी जवाबी फायर किया। करीब सात मिनट तक दोनों तरफ से फायरिंग हुई।
आतंकियों की तरफ से गोलियां चलना बंद होने पर सुरक्षाबलों ने मुठभेड़स्थल की तलाशी ली तो उन्हें वहां गोलियों से छलनी एक आतंकी का शव मिला। बाद में उसकी पहचान शौकत अहमद बट उर्फ शौकत बिन युसुफ उर्फ खालिद दाऊद सलाफी पुत्र युसुफ बट निवासी पडगामपोरा, अवंतीपोरा के रूप में हुई। वह इसी माह दो अक्टूबर को तहरीक उल मुजाहिदीन में भर्ती हुआ था। वह कश्मीर विश्वविद्यालय से बी फार्मेसी की डिग्री प्राप्त कर चुका है।
शौकत समेत तीन युवक फैजान मजीद और नसीर अहमद तेली इसी माह के दौरान आतंकी संगठन तहरीक उल मुजाहिदीन में शामिल हुए थे। इन तीनों की तस्वीरें एक साथ गत सप्ताह शुक्रवार को ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। लेकिन अब इनमें से सिर्फ सोपोर का रहने वाला नसीर अहमद तेली उर्फ डा इसाक ही बचा हुआ है। फैजान मजीद गत बुधवार को पट्टन, बारामुला में उस समय पकड़ा गया था, जब वह एक नाका पार्टी पर हमला कर अपने साथियों संग भाग रहा था। हमले में एक डीएसपी समेत चार लोग जख्मी हुए।