लखनऊ । भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआइ ने बुधवार रात लखनऊ में बड़ी कार्रवाई की। आयकर छापे में सील की गई करोड़ों की एफडी रिलीज करने के लिए तेल व्यवसायी से 60 लाख रुपये रिश्वत मांगी जा रही थी। इसकी शिकायत पर सीबीआइ लखनऊ की टीम ने जाल बिछाया और रिश्वत की पहली किस्त 10 लाख रुपये लेते इनकम टैक्स इंस्पेक्टर (आयकर निरीक्षक) धर्मशील अग्रवाल को रंगे हाथ गिरफ्तार किया। आरोपित आयकर निरीक्षक इनकम टैक्स आफिस लखनऊ में ही तैनात है। उसके फ्लैट से लाखों रुपये व चल-अचल संपत्तियों के दस्तावेज भी मिले हैं।
सीबीआइ लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच की टीम ने बुधवार रात हजरतगंज स्थित कसमंडा अपार्टमेंट में छापा मारा। सीबीआइ ने यहां चौथे तल पर स्थित एक फ्लैट से आयकर निरीक्षक धर्मशील को घूस लेते पकड़ा। तब फ्लैट में धर्मशील का भाई भी मौजूद था। सीबीआइ उसे व एक सीए को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। बताया गया कि व्यवसायी प्रत्यूष कुमार मिश्रा ने मामले की शिकायत सीबीआइ से की थी।
सीबीआइ अधिकारियों के मुताबिक प्रत्यूष श्याम वनस्पति ऑयल के मालिक हैं और करीब आठ-नौ साल पहले उनके यहां इनकम टैक्स का छापा पड़ा था। तब इनकम टैक्स विभाग के अधिकारियों ने करोड़ों रुपये की एफडी सीज की थीं। इन एफडी को छुड़ाने के लिए प्रत्यूष प्रयत्नशील थे। इसी बीच आयकर निरीक्षक धर्मशील ने एफडी रिलीज कराने के बदले उनसे 60 लाख रुपये देने का दबाव बनाया।
जिसके बाद दोनों के बीच कई बार बात हुई और व्यवसायी ने मामले की शिकायत की। सीबीआइ ने अपार्टमेंट के दो फ्लैटों में छानबीन की। पांचवीं मंजिल स्थित फ्लैट बेहद आलीशान है, जिसे दो फ्लैटों को मिलाकर बनाया गया है। यहां कीमती फर्नीचर से लेकर अन्य चीजें मौजूद थीं। आयकर निरीक्षक की अन्य संपत्तियों के बारे में ब्योरा जुटाया जा रहा है।