समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंक दिया है। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार को भी कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की। वहीं, समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने भी लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के वादों को लेकर सरकार को घेरा।
सामाजिक न्याय साइकिल यात्रा के समापन पर राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर हुए कार्यक्रम में मुलायम सिंह यादव की मौजूदगी कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए काफी थी। सपा से नाराज शिवपाल यादव के सेकुलर मोर्चा के साथ जुड़ने के कयासों के बीच मुलायम सिंह यादव ने एक बार फिर साफ कर दिया कि वह अपने बेटे के साथ हैं। मुलायम सिंह यादव पूरे कार्यक्रम के केंद्र में रहे। मंच पर वह कई बार पार्टी के दूसरे नेताओं के साथ बातचीत करते हुए नजर आए। वहीं, युवा कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देते हुए उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी कभी बूढ़ी नहीं होगी। पर साथ ही यह नसीहत करना भी नही भूले कि ‘बूढों का भी सम्मान करो’। उन्होंने पार्टी में महिला भागीदारी पर भी जोर दिया।
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के कार्यक्रम में मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए ही जंतर-मंतर पर साईिकल यात्रा का समापन कार्यक्रम किया गया था। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार रात को मुलायम सिंह यादव से मुलाकात कर उन्हें कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया था। हालांकि, वरिष्ठ नेता आजम खान की कार्यक्रम में गैरमौजूदगी कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा का विषय बनी रही। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र और राज्य सरकार को घेरने के साथ ‘सोशल इंजीनियरिंग’ पर खास ध्यान दिया। कार्यकर्ताओं को अंबेडकर और लोहिया की विचारधारा को साथ लेकर चलने की हिदायत देते हुए उन्होंने जातीय जनगणना कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह बात कहने के लिए यह सबसे अच्छा मौका है कि एक बार गिनती हो जानी चाहिए कि किस जाती की कितनी आबादी है। आधे-अधूरे आंकड़ो के साथ न्याय नहीं मिल सकता। इसके साथ उन्होंने यह कहने में भी देर नहीं की कि जाति के आधार पर नियुक्तियां हो रही है। अस्पतालों में भी जाति पूछने पर इलाज होता है।
अखिलेश यादव ने नोटबंदी, जीएसटी, पकौड़ा बनाने और नाली की गैस से चाय बनाने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री को घेरने की कोशिश की। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधने में भी कोई कमी छोड़ी। वहीं, राफेल के मुद्दे पर उन्होंने संयुक्त संसदीय समिति की जांच की मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जेपीसी के बगैर इस मामले की सच्चाई सामने नहीं आ सकती। इसलिए, जांच अवश्य होनी चाहिए। कार्यक्रम के दौरान विरष्ठ नेताओं की मौजूदगी कम रही। विरष्ठ नेताओं में मुलायम के अलावा सिर्फ रामगोपाल यादव ही वहां मौजूद थे।