श्रीनगर। पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों में शामिल स्थानीय लोगों को निशाना बनाने की अपनी साजिश को जारी रखते हुए आतंकियों ने सोमवार को कुलगाम में अपने पुत्र की मौत का शोक मनाने अाए सैन्यकर्मी को आतंकियों ने उसके घर में ही मौत के घाट उतार दिया। आतंकी शोक जताने के बहाने से उसके घर में दाखिल हुए थे।
जानकारी के अनुसार, दक्षिण कश्मीर में जिला कुलगाम के अंतर्गत शुरत गांव में सोमवार सुबह आतंकियों ने प्रादेशिक सेना (टेरिटोरियल आर्मी) की 162वी वाहिनी के एक जवान मुख्तार अहमद मलिक अपने घर की पहली मंजिल पर एक कमरे में बैठा हुआ था। अचानक कुछ लोग उसके साथ उसके पुत्र की मौत पर संवेदना जताने आएा। मुख्तार के एक पुत्र आदिल की गत शुक्रवार काे सड़क हादसे में मौत हो गई थी। वह अपने पुत्र की मौत के बाद ही घर आया था। मुख्तार अहमद मलिक सेना में भर्ती होने से पहले कुलगाम का एक नामी इख्वान कमांडर था। वह मुख्तार गोला के नाम से पूरे इलाके में मशहूर था। इख्वान उन आतंकियों को कहा जाता है, जिन्होंने आतंकवाद को त्यागकर मुख्यधारा में शामिल हो सुरक्षाबलों के साथ मिलकर कश्मीर में आतंकियों के सफाए में अहम भूमिका निभाई थी।
गोलियों की आवाज सुनकर पूरे घर में अफरा-तफरी मच गई। सभी इधर उधर भागने लगे। किसी को समझ नहीं आया कि क्या हुआ। इसी अफरा-तफरी में आतंकी भी भाग निकले। गोलियों की आवाज सुनकर घर में मौजूद लोग जब ऊपरी कक्ष में पहुंचे तो वहां मुख्तार अहमद खून से लथपथ पड़ा था। उसे तुरंत जिला अस्पताल कुलगाम ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत लाया घोषित कर दिया।
इस बीच, सैन्यकर्मी की हत्या की खबर मिलतेे ही सुरक्षाबल मौके पर पहुंच गए। उन्होंने उसी समय शुरत व उसके साथ सटे इलाके की घेराबंदी करते हुए एक तलाशी अभियान भी चलाया। पुलिस ने दिवंगत के परिजनों से भी पूछताछ की है, लेकिन कोई भी आतंकियों के बारे में सही जानकारी देने में समर्थ नहीं था। मुख्तार अहमद के परिवार में अब उसके बुजुर्ग मां-बाप के अलावा एक भाई, एक बेटा और पत्नी रह गई है।