नेताजी के साथ शिवपाल ने लखनऊ में लगवाई सेक्युलर मोर्चा की होर्डिंग

लखनऊ । समाजवादी पार्टी में उपेक्षा से आहत होकर पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने समाजवादी सेक्युलर मोर्चा का गठन किया है। लखनऊ में आज पार्टी का होर्डिंग लगाया गया, जिसमें सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव को जगह प्रदान की गई है।

शिवपाल सिंह यादव के आवास के पास विक्रमादित्य मार्ग पर लगे इस होर्डिंग की आज शहर में काफी चर्चा है। इस होर्डिंग को समाजवादी पार्टी के गढ़ माने जाने वाले विक्रमादित्य मार्ग पर लगाया गया है। शिवपाल सिंह यादव फिलहाल आज काठमांडू में पशुपति नाथ का दर्शन करने गए हैं। वहां से लौटने के बाद वह अपना अगला कदम तय करेंगे।

समाजवादी पार्टी से उपेक्षित नेताओं के लिए गठित शिवपाल सिंह यादव की समाजवादी सेक्युलर मोर्चे की पहली होर्डिंग लखनऊ में लगी है। शिवपाल सिंह यादव आवास के बाहर लगी इस होर्डिंग में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव (नेताजी) के साथ शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य की तस्वीर लगी है। इसके साथ होर्डिंग में अजीत यादव, अजेन्द्र यादव, अनूप यादव और विकास सिंह की भी तस्वीर है। समाजवादी पार्टी से अलग राह पकड़ चुके शिवपाल सिंह यादव अपने समाजवादी सेक्युलर मोर्चे को मजबूत करने में जुट गए हैं। कल शिवपाल सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी को दूसरा झटका देते हुए इटावा सदर से विधायक रहे रघुराज सिंह शाक्य को सेक्युलर मोर्चे में शामिल कराया। इससे पहले समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे डुमरियागंज के पूर्व विधायक मलिक कमाल यूसुफ बसपा छोड़ शिवपाल यादव के साथ हो गए हैं।

लखनऊ में 11 को बड़ा कार्यक्रम

शिवपाल सिंह यादव आज काठमांडू के पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन करने गए हैं। माना जा रहा है कि भगवान पशुपतिनाथ का आशीर्वाद लेकर शिवपाल 2019 के लोकसभा चुनाव का शंखनाद करेंगे। शिवपाल यादव समाजवादी सेकुलर मोर्चा बनाने के बाद पहली बार लखनऊ में 11 सितंबर को एक बड़े कार्यक्रम में शामिल होंगे। कार्यरक्म यादव समुदाय के संगठन श्रीकृष्ण वाहनी की ओर से 11 सिंतबर को किया जा रहा है।

इस कार्यक्रम में शिवपाल सिंह यादव बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे। श्रीकृष्ण वाहनी के महासचिव अशोक यादव ने बताया कि 11 सितंबर को होने वाला कार्यक्रम काफी कुछ तय करेगा। यादव समाज के काफी लोग इसमें शामिल होंगे। इस सम्मेलन में जिस तरह यादव समुदाय के लोगों को खासकर बुलाया जा रहा है। इसका मतलब साफ है कि श्रीकृष्ण वाहनी के बहाने शिवपाल, यादव समाज के बीच राजनीतिक पकड़ का परीक्षण भी करना चाह रहे हैं।