जम्मू। राज्य प्रशासन ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि कटड़ा से श्री माता वैष्णो देवी के दरबार तक चलने वाले घोड़ों के मालिकों को पुनर्वास के लिए प्रशासन ने एक सब कमेटी का गठन किया है। यह जानकारी सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस मदन बी लोकुर, जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच को दी।
राज्य प्रशासनिक परिषद की सब कमेटी की 16 अगस्त को बैठक हुई थी, जिसमें श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड और घोड़ों के मालिक भी मौजूद थे।
राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे एडवोकेट शोयब आलम ने बताया कि सब कमेटी में राज्यपाल के तीनों सलाहकार और चीफ सेक्रेटरी शामिल हैं। सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि सब कमेटी फिर से श्रीनगर में मिलेगी और इस पर कोई फैसला होगा।
वैष्णो देवी भवन के पूर्व बारीदारों ने मनाया काला दिवस
मां बैष्णो देवी के पूर्व बारीदारों ने आधार शिविर कटड़ा के मुख्य चौराहे पर श्राइन बोर्ड के खिलाफ प्रर्दशन करते हुए काला दिवस मनाया। बारीदार सेवा समिति के बैनर तले एकत्रित हुए बारीदार परिवार के सदस्यों ने मुख्य चौराहे पर धरना प्रर्दशन करते हुए श्राइन बोर्ड की नीतियों की आलोचना की।
इस दौरान बारीदार सेवा समिति के प्रधान शेर सिंह ने कहा कि 32 बर्ष पहले श्राइन बोर्ड के गठन के दौरान उन्हे भवन से खदेड़ा गया था। जिसके बाद से वह अपने हक के लिए लड़ाई लड़ते हुए हर वर्ष 30 अगस्त को काला दिवस मना रहे है। बारीदर मां वैष्णो देवी की पूजा के हकके साथ ही श्राइन बोर्ड में हिस्से की मांग शुरू से करते आ रहे हैं।
शेर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऊधमपुर में वर्ष 2014 मे हुई चुनावी रैली के दौरान बारीदारों को हक दिलाने का आश्वासन दिया गया था। बारीदार परिवार के हर सदस्य को यकीन है कि प्रधानमंत्री उनका हक दिलवाएंगे।
गौरतलब है कि 33 बर्ष पूर्व 1986 में तत्कालीन राज्यपाल जगमोहन ने आज ही के दिन बारीदारों को वैष्णो देवी भवन से निष्कासित कर श्राइन बोर्ड की स्थापना कर वैष्णो देवी का प्रबंधन श्री माता वैष्णो देवी श्राइन को सौंपा था। तभी से बारीदर हर वर्ष आज के दिन काला दिवस मनाते आ रहे हैं।