तिरुअनंतपुरम। लगातार हो रही बारिश से केरल सदी के सबसे भीषण बाढ़ की चपेट में आ गया है। अभी तक 67 लोगों की मौत हो चुकी है और बाढ़ का पानी आ जाने के बाद कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को शनिवार दोपहर तक के लिए बंद कर दिया गया है। राज्य के 14 जिलों में से 12 में रेड अलर्ट घोषित किया गया है। राज्य में इससे पहले 1924 में बाढ़ से ऐसी ही तबाही मची थी।
अलपुझा तट पर बुधवार को एक नौका डूब जाने से तीन मछुआरे लापता हो गए हैं। नौका पर सात मछुआरे सवार थे।मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने सचिवालय में आपात बैठक की। बैठक में केंद्र से नौसैनिक हवाई अड्डे पर छोटे विमान लैंड कराने की अनुमति मांगने का फैसला लिया गया है। कोचीन हवाई अड्डे के प्रवक्ता ने कहा कि लगातार पानी बढ़ने के कारण शनिवार दो बजे दिन तक संचालन निलंबित रहेगा। हवाई अड्डा कर्मचारी बाढ़ का पानी निकालने में जुटे हैं।
इस दक्षिणी राज्य में एक सप्ताह पहले मौसम का रुख आक्रामक हो गया था। अधिकारियों को खतरनाक स्तर तक भर चुके 35 जलाशयों से पानी छोड़ने के लिए विवश होना पड़ा। बांध खोलने के कारण इसकी नदियों का बहाव तीव्र हो गया। राज्य के मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर कहा है, ‘वर्तमान में राज्य के 35 जलाशयों से पानी छोड़ा जा रहा है। राज्य के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं।’मौसम विभाग ने शनिवार तक राज्य में भारी बारिश होने की चेतावनी दी है। पिछले सप्ताह बारिश और बाढ़ की चपेट में आने से सैकड़ों घर तबाह हो गए।
मसाले और कॉफी के लिए मशहूर इस राज्य की फसलें भी तबाह हो गई हैं। केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मई से राज्य में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और बड़ी संख्या में विस्थापित हुए हैं। रात 2:35 पर मुल्लपेरियार बांध का गेट खोलने के बाद इडुक्की जिले में अधिकारी सतर्कता बरत रहे हैं। इस बांध में पानी 140 फीट का स्तर पार कर गया। बांध के आसपास रहने वाले लोगों को मंगलवार को ही दूसरी जगह ले जाया गया। एक अनुमान के मुताबिक 50,000 लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है और 8,000 करोड़ रुपये की फसलें और संपत्तियां तबाह हो चुकी हैं।
वहीं कर्नाटक और तमिलनाडु में भारी बारिश से स्थिति खराब हो गई है। घरों में पानी पहुंचने से समस्या बढ़ रही है। वहीं, तमिलनाडु में सेंट्रल वॉटर कमिशन ने मंगलवार को कावेरी नदी को लेकर दूसरी चेतावनी जारी कर दी।
यहां मेट्टूर बांध में पानी अधिकतम क्षमता 120 फीट तक रविवार को पहुंच गया। ऐसा 23 जुलाई से दूसरी बार हुआ। कर्नाटक के कृष्णाराजसागर और काबिनी बांध से पानी छोड़े जाने की संभावना के बाद एडवाइजरी जारी की गई है।
कमिशन ने बताया कि दोनों से निकलने वाले कुल पानी, 1.4 लाख क्यूसेक, के दो दिन में मेट्टूर बांध तक पहुंचने की संभावना है। नौ जिलों कृष्णगिरि, धर्मपुरी, सलेम, इरोड, नमक्कल, करूर, त्रिचि, थंजवुर और नागपट्टिनम में चेतावनी जारी करते हुए कमिशन ने कलेक्टरों से जरूरी कदम उठाने को कहा है।
केरल में 60 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही तेज हवाएं
तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलप्पुझा, पठनमित्ता, कोट्टायम, इडुक्की, एर्नाकुलम, थ्रिसूर और कोझिकोड में 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चल रही हैं। इडुक्की में मुल्लापेरियर बांध में पानी का स्तर बढ़ने से इलाके में समस्या गंभीर होने लगी है। पेरियार नदी के पास से करीब 4000 परिवारों को राहत शिविरों में ले जाया जा चुका है। उधर, एर्नाकुलम में 17,974 लोगों को 117 राहत शिविरों में ले जाया गया।
बाढ़ के बीच पानी में खड़े होकर तिरंगा झंडा लहराया
इस बीच राजधानी तिरुवनंतपुरम के कन्नाम्मूला से देशभक्ति की मिसाल कायम करती तस्वीर सामने आई है। यहां के लोगों ने बाढ़ के बीच पानी में खड़े होकर स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा झंडा लहराया। तस्वीर से बाढ़ की स्थिति का पता चलता है क्योंकि ये लोग कमर तक पानी में डूबे हैं लेकिन इससे उनके जज्बे पर कोई फर्क नहीं पड़ा। ऐसी ही एक तस्वीर पिछले साल असम के धुबरी जिले से आई थी जहां बाढ़ के बीच एक स्कूल में तिरंगा फहराया गया था।