बिहार कैबिनेट की बैठक में 25 एजेंडों पर मुहर, गाड़ियों की खरीदारी हुई महंगी

पटना । बिहार में अब वाहन की खरीद महंगी हो जाएगी। पहले गाडिय़ों की इंजन की क्षमता के आधार पर टैक्स लगता था। इस व्यवस्था को समाप्त करते हुए सरकार ने वाहनों की क्वालिटी और एक्स शो प्राइस के आधार पर टैक्स लेने का फैसला किया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में परिवहन विभाग के इस प्रस्ताव के साथ ही कुल 25 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
कैबिनेट के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश में लागू बिहार मोटर वाहन करारोपण अधिनियम 1994 में 2013, 2014 और 2015 में संशोधन किए थे। अब जबकि देश में जीएसटी लागू हो चुकी है और वाहनों की बिक्री भी बढ़ी है बावजूद पूर्व की तुलना में राजस्व में वृद्धि नहीं हो रही है। इसमें कमी आई है। समीक्षा के बाद पूर्व की दरों को संशोधित करने का फैसला हुआ है। मंत्रिमंडल ने विचार के बाद मोटर वाहन करारोपण अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी है। संशोधन के प्रभावी होने के बाद जीएसटी से होने वाले नुकसान की भरपाई संभव हो सकेगी।
सिंह के मुताबिक एक लाख रुपये तक के दो पहिया वाहनों पर आठ फीसद टैक्स लिया जाएगा। एक लाख से आठ लाख तक के दो पहिया वाहनों पर नौ फीसद की दर से टैक्स लगेगा। आठ लाख से 15 लाख रुपये तक के चार पहिया वाहनों पर 10 फीसद  और 15 लाख से ऊपर के वाहनों पर 12 फीसद की दर से टैक्स लगाया जाएगा। मोटर वाहन करारोपण अधिनियम में किए गए संशोधन एक महीने तक जनता के सुझाव के लिए परिवहन विभाग की वेबसाइट पर रहेंगे। महीने भर के बाद संशोधन को लागू कर दिया जाएगा।
चौकीदारों का वर्दी भत्ता बढ़ा
मंत्रिमंडल ने चौकीदार संवर्ग के कर्मियों के वर्दी भत्ता में संशोधन को भी मंजूरी दी है। चौकीदारों को पहले वर्दी के लिए वर्ष में एक बार तीन हजार रुपये मिलते थे अब उन्हें पांच हजार रुपये मिलेंगे। सामान्य प्रशासन के प्रस्ताव पर विमर्श के बाद मंत्रिमंडल ने अतिथि गृह पटना (सर्किट हाउस) में जी प्लस -5 का एनेक्सी भवन, जी प्लस -3 का स्टाफ क्वार्टर और जी प्लस -3 की डोरमेट्री निर्माण की मंजूरी भी दी है। इस कार्य को करने के लिए 30.50 करोड़ रुपये भी स्वीकृत किए गए हैं।
विधायक खर्च कर सकेंगे तीन करोड़ तक
मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत विधायक अब दो करोड़ की जगह तीन करोड़ रुपये तक राशि खर्च कर सकेंगे। पिछले दिनों स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी घोषणा की थी। प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने स्वीकृत कर दिया है। कैबिनेट के प्रधान सचिव ने बताया कि निर्माण सामग्रियों की कीमतें काफी बढ़ गई हैं।
विधान मंडल के सदस्यों को दो करोड़ की राशि से क्षेत्रीय संतुलन बनाने में कठिनाई को देखते हुए मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत 2018-19 से विधान मंडल सदस्यों को प्रति वर्ष तीन करोड़ रुपये तक की योजना की अनुशंसा करने का अधिकार दिया गया है। चालू वर्ष के लिए इस मद में मंत्रिमंडल ने 3.18 अरब रुपये स्वीकृत किए हैं।
महालेखाकार के स्तर पर अब पेंशन पुनरीक्षण
राज्य सरकार के पेंशनरों, पारिवारिक पेंशनरों के पेंशन पुनरीक्षण का कार्य अब तक बैंकों के स्तर पर होता था। अब यह काम बैंक नहीं बल्कि महालेखाकार के स्तर पर होगा। मंगलवार को वित्त विभाग के प्रस्ताव पर चर्चा के बाद मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी। कैबिनेट सचिव ने बताया कि बैंकों को पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों के पेंशन पुनरीक्षण का काम देने से काफी कठिनाई होती थी। इस समस्या के निदान के लिए अब यह फैसला हुआ है कि पेंशन पुनरीक्षण का काम बैंक नहीं बल्कि महालेखाकार के द्वारा किया जाएगा।