आप सांसद भगवंत मान ने फेसबुक पर लिखा, मैं गद्दार हूं…

चंडीगढ़। खैहरा प्रकरण के बाद विरोधियों के निशाने पर आए आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान एक कविता के माध्यम से जवाब दिया है। मान पिछले कई दिनों से दिल्ली के एम्स में भर्ती है। आप के 7 बागी विधायकों की तरफ से पार्टी की दिल्ली लीडरशिप के खिलाफ मोर्चा खोलने का समर्थन न करने और सुखपाल खैहरा को नेता विपक्ष के पद से हटाने के बाद विरोध न करने के चलते मान को सोशल मीडिया पर निशाना बनाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ पोस्टों की बाढ़ सी आ गई है।

इसे देखते हुए भगवंत मान ने चुप्पी तोड़ी और लिखा- ‘मैं पंजाब का गद्दार हूं, क्योंकि मैंने अपना करियर और घर-बार सब कुछ पंजाबियों के लिए कुर्बान करके कैप्टन व बादलों के साथ सरेआम पंचायतों में लड़ाई लड़ी। क्योंकि मैं चिट्टा बेच कर लाखों घर नहीं उजाड़ सका। पार्टी के लिए दिन रात एक कर बिना सेहत की परवाह किए एक दिन में 25 -25 रैलियां की। मैंने यह सब पंजाबियों के लिए किया। यह यह गद्दारी है तो मैं पंजाब का गद्दार हूं।’

फेसबुक पर लिखी कविता

मैं पंजाब का गद्दार हूं, क्यों मैं लोगों के पैसो का सारा हिसाब किताब देता हूं

मैं पंजाब का गद्दार हूं, क्योंकि मैंने पंजाब के लिए सारा कारोबार छोड़ दिया

मैं पंजाब का गद्दार हूं, क्योंक मैं विदेशों से मारे जाने वाले युवाओं के शव लाकर देता हूं

मैं पंजाब का गद्दार हूं, क्योंकि मैं कैंसर के मरीजों का मुफ्त इलाज करवाता हूं

मैं पंजाब का गद्दार हूं, क्योंकि मेरे ऊपर कोई दुष्कर्म का केस नहीं चल रहा

मैं पंजाब का गद्दार हूं, क्योंकि मैं लोगों को नेताओं के आगे जुर्रत के साथ बोलना सिखाया

मैं पंजाब का गद्दार हूं, क्योंकि  मैं दिन रात मेहनत करके लुटेरों को चुनाव में हराया

जी हां

मैं पंजाब का गद्दार हूं, क्योंकि मैं किसी रेत की खदान में हिस्सा नहीं ले सका

मैं पंजाब का गद्दार हूं, क्योंकि मैं स्विस बैंक में खाता नहीं खुलवा सका

मैं पंजाब का गद्दार हूं, क्योंकि मेरे नाम पर कोई बस का परमिट नहीं चल रहा

मैं पंजाब का गद्दार हूं, क्योंकि मेरा गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी में कोई हाथ नहीं

मैं पंजाब का गद्दार हूं, क्योंकि मैं गुटका साहिब की कम खाकर मुकरा नहीं

मैं पंजाब का गद्दार हूं, क्योंकि मैं चिट्टा बेचकर पंजाब के लाखों घर उजाड़ नहीं सका

इन गदरियों के लिए मैं पंजाब से दोनों हाथ जोड़ कर माफी मांगता हूूं।

-भगवंत मान