Encounter In Delhi: ‘दिल्ली का दाऊद’ बन वसूली करने वाले गैंग से दिल्ली पुलिस की मुठभेड़

नई दिल्ली । दो महीने के भीतर पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ से दिल्ली फिर दहल गई। बृहस्पतिवार सुबह ‘दिल्ली का दाऊद’ बनकर जबरन वसूली करने वाले नीरज भांजा गैंग के बदमाशों से दिल्ली पुलिस की मुठभेड़ हो गई। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, नीरज भांजा गैंग के बदमाशों और पुलिस के बीच मुठभेड़ दिल्ली के सराय काले खां में मिलेनियम पार्क के पास हुई। ताजा जानकारी के मुताबिक, मुठभेड़ के दौरान नीरज भांजा गैंग के एक बदमाश को गोली लगी है, जिसे नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के सराय काले खां स्थित मिलेनियम पार्क के पास सुबह करीब 05:15 बजे नीरज बवानिया गैंग के शातिर बदमाश नवीन भांजा और पुलिस के बीच मुठभेड़ हो गई। कोटला मुबारकपुर में 4 दिन पहले हुई फायरिंग के अलावा नवीन भांजा कुछ और मामलों में वांछित था।

पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि नवीन भांजा मोटरसाइकिल से आने वाला है। ऐसा हुआ भी और इसी दौरान नवीन को पकड़ने की कोशिश हुई। वहीं, खुद को घिरा देखकर बदमाशों ने पुलिस पर गोली चलाई, हालांकि, बुलेटप्रूफ जैकेट की वजह से पुलिसवाले बच गए। वहीं, जवाबी फायरिंग में बदमाश के पैर में गोली लगी है। मुठभेड़ में पकड़े गए बदमाश का नाम सद्दाम हुसैन है और ये नीरज बवानिया और नवीन भांजा गैंग के लिए काम करता है।

यहां पर बता दें कि 9 जून को एक बाद एक पांच बदमाशों को दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। दिल्ली के छतरपुर इलाके में हुए इस एनकाउंटर को अब तक का सबसे बड़ा एनकाउंटर माना जा रहा है।

मुठभेड़ में मारे गए बदमाशों का प्रोफाइल

राजेश भारती: क्रांति गिरोह का सरगना था। इस पर दिल्ली पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम रखा था। हत्या, फिरौती व कार लूट के कई मामले दर्ज हैं इस पर।

संजीत बिंद्रो: इस पर भी दिल्ली पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम रखा था। यह हरियाणा पुलिस की हिरासत से फरार भी हो चुका है। वर्ष 2017 में द्वारका में गोलीबारी के बाद इसने वहां क्रांति गिरोह का पर्चा फेंका था।

उमेश डॉन: मूल रूप से गुरुग्राम का रहने वाला था। दिल्ली पुलिस ने इस पर 50 हजार रुपये का इनाम रखा था।

विरेश राणा: दिल्ली के घेवरा का रहने वाला था। इसपर भी कई मुकदमे दर्ज हैं।

कपिल: मुठभेड़ में घायल बदमाश कपिल जींद का रहने वाला है। इस पर भी कई मुकदमे दर्ज हैं।

पुलिस के मुताबिक, कुछ बदमाश नीरज बवानिया और उसके सहयोगी नवीन भांजा का नाम लेकर दक्षिणी दिल्ली के कारोबारी को धमकाते थे। डराने के लिए यूट्यूब पर इनका प्रोफ़ाइल भी दिखाते थे, जिसमें लिखा होता ‘दिल्ली का दाऊद’ और फिर 20 से 30 लाख की डिमांड करते थे। डर के मारे लोग पुलिस तक शिकायत लेकर नहीं आते थे। नहीं करते। जांच में पुलिस को यह भी पता चला था कि नवीन भांजा वॉट्सऐप कॉल से सीधा बिजनसमैन को डराता था और पैसे नहीं देने के बदले गोली खाने की धमकी देता था।

यह हैं दिल्ली के खूंखार बदमाश

कभी दिल्ली का सबसे खतरनाक गैंगस्टर माना जाने वाला हाशिम बाबा उत्तरपूर्वी दिल्ली में आतंक का पर्याय बन चुका है। 2014 को उसे जेल हुई थी लेकिन पिछले साल परोल पर बाहर आने के बाद वह वापस जेल नहीं पहुंचा। 2017 में उसके विरोधी छेनू इरफान ने उसके कई साथियों की हत्या कर दी। तब से बाबा छेनू के आदमियों को मारने के पीछे लगा हुआ है। वहीं,  नीरज बवाना गैंग का विरोधी अशोक प्रधान भी पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है। साल 2017 में उसने झज्जर कोर्ट परिसर में कला असोदिया की हत्या कर दी थी। इसके जवाब में बवाना गैंग ने अशोक प्रधान के आदमी राजेश दुरमुत को मार डाला था।

आइए नजर डालते हैं दिल्ली में हुए अब तक के बड़े एनकाउंटर पर

बाटला हाउस एनकाउंटर

19 सितंबर 2008

दिल्ली पुलिस द्वारा जामिया नगर इलाके में छिपे इंडियन मुजाहिद्दीन के संदिग्ध आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। इस मुठभेड़ में दो संदिग्ध आतंकी आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद मारे गए थे, जबकि सैफ मोहम्मद और आरिज खान भागने में कामयाब हो गए थे। वहीं, जीशान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। मुठभेड़ के दौरान एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा भी शहीद हो गए थे। मुठभेड़ के दौरान स्थानीय कई लोगों की गिरफ्तारी की गई थी। इसके विरोध में कई राजनीतिक दलों सहित छात्र और शिक्षक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था।

अंसल प्लाजा एनकाउंटर

3 नवंबर 2002

दिल्ली पुलिस ने दक्षिण दिल्ली स्थित अंसल प्लाजा शॉपिंग कॉम्पलेक्स के बेसमेंट पार्किंग एरिये में लश्कर-ए-तैयबा के दो संदिग्ध आतंकियों को मार गिराया था। दोनों आतंकी आगामी दिनों आने वाली दिवाली के दौरान दिल्ली में दहशत फैलाने की तैयारी में थे। आतंकियों के पास से एके-56 और दो मैग्जीन सहित सरोजनी नगर, लाजपत नगर सेंट्रल मार्केट के नक्शे बरामद हुए थे।

कनॉट प्लेस फर्जी एनकाउंटर

31 मार्च 1997

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा कनॉट प्लेस इलाके में एनकाउंटर किया गया था। एसीपी एसएस राठी की टीम ने उत्तर प्रदेश के गैैंगस्टर मान कर हरियाणा के कारोबारी प्रदीप गोयल और जगजीत सिंह को गोली मार दी थी। जिससे उनकी मौत हो गई थी। फर्जी एनकाउंटर के इस मामले में अदालत में 16 वर्ष तक सुनवाई चली थी। जिसके बाद आरोपी पुलिस और अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए थे।

राजेंद्र नगर एनकाउंटर

16 मई 2015

मध्य जिले के राजेंद्र नगर इलाके में स्थित सागर रत्ना रेस्टोरेंट में मौजूद एक बदमाश और दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के बीच मुठभेड़ हुई थी। पुलिस को सूचना मिली थी कि कई अपराध में शामिल इनामी मनोज वशिष्ठ वहां आने वाला है। इसके बाद पुलिस उसे दबोचने रेस्टोरेंट में पहुंची थी। पकड़े जाने का आभास होते ही बदमाश ने पुलिसकर्मियों पर गोली चला दी थी। इसके जबाव में पुलिस द्वारा चलाई गई गोली से बदमाश ढेर हो गया था।

वसंत कुंज हयात होटल एनकाउंटर

25 अक्टूबर 2013

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को सूचना मिली थी कि कुख्यात बदमाश नीतू दबोदिया और उसके साथी दक्षिण दिल्ली के होटल ग्रांड हयात के समीप आने वाले थे। इसके बाद पुलिस की टीम ने कार सवार बदमाशों को दबोचने का प्रयास किया था। पुलिस से घिरा देख बदमाशों ने पुलिस पर हमला कर दिया था। इसके जबाव में पुलिस ने भी गोली चलाई। जिसमें कई अपहरण, फिरौती मांगने का आरोपी और इनामी बदमाश नीतू दबोदिया व सुरेंद्र मलिक सहित तीन बदमाश घायल हो गए थे। उन्हें एम्स ट्रामा सेंटर में ले जाया गया था। वहां, उनकी मौत हो गई थी।

विवेक विहार एनकाउंटर

5 जून 2018

विवेक विहार थाना पुलिस ने मियांवली थाना क्षेत्र से चुराई गई कार से भाग रहे बदमाशों की सूचना पर जांच अभियान चलाया गया था। रोके जाने पर बदमाशों ने पुलिस पर गोलाबारी शुरू कर दी थी। इसके जबाव में पुलिस ने भी गोलियां चलाईं। पुलिस और जयपुर के रहने वाले तीन बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में पुलिस ने एक को मार गिराया था। जबकि दूसरा घायल हो गया वहीं, एक बदमाश भागने में सफल रहा था।