बहुप्रतीक्षित राममंदिर-बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में बुधवार से शुरू होने जा रही है। इस मुकदमे की पिछली तारीख पर सुप्रीम कोर्ट ने सभी प्रपत्रों का अनुवाद करने का निर्देश दिया था। सुनवाई शुरू होने से पूर्व ही पक्षकारों ने अपने-अपने वकीलों संग दिल्ली में डेरा डाल दिया है। पक्षकारों का कहना है कि अब सुप्रीम कोर्ट से ही आस है, इस मामले को और टाला नहीं जाना चाहिए, जल्दी से जल्दी निर्णय सुनाने की आवश्यकता है।
पक्षकार इकबाल अंसारी ने बताया कि वह दिल्ली नहीं जा रहे हैं, जब उनकी आवश्यकता होगी तो जाएंगे। फिलहाल अपने वकीलों के संपर्क में रहकर और समाचार चैनलों के माध्यम से पूरे मामले पर नजर रखेंगे।
सभी पक्षकारों का कहना है कि सुलह-समझौते की गुंजाइश अब दूर की बात हो गई। इसलिए हमारी आस तो अब सुप्रीम कोर्ट पर ही टिकी हुई है। पक्षकारों ने कहा कि फैसला किसी के हक में हो सभी को मान्य होगा।
उधर, अयोध्या मामले के पक्षकार महंत धर्मदास ने कहा कि राममंदिर पर अब राजनीति बंद होनी चाहिए। सुलह-समझौते के नाम पर कुछ लोग अपनी दुकान चमकाने पर लगे हैं। उन्होंने कहा कि जो भी होना है वह सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से ही होना है।
सुनवाई में शामिल होने के लिए पक्षकार हाजी महबूब भी दिल्ली रवाना हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यदि सुलह-समझौते से मामला हल हो जाए तो अच्छा ही है। देश में भाईचारा कायम रहे। कहा कि मामले में सुप्रीम कोर्ट जो निर्णय देगा वह मानेंगे।