हमें काटकर कहां भाग जाते हैं मच्छर, कीटनाशकों का क्या पड़ रहा असर, ICMR के इस सर्वे से साफ होगी तस्वीर

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मलेरिया प्रभावित गांवों में आदमी को काटने के बाद कहीं मच्छर बाग-बगीचे और झाड़ियों में तो नहीं भाग रहे। उन्होंने घर की दीवारों पर बैठना छोड़ तो नहीं दिया और कीटनाशक दवाओं के छिड़काव का क्या प्रभाव हो रहा है। यह जानने के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने स्टडी शुरू कर दी है। बरेली पहुंची आईसीएमआर की टीम मलेरिया प्रभावित ब्लाकों के 10 गांवों में सर्वे करेगी।

बीते दिनों राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान केंद्र की टीम ने मच्छरों के बदलते व्यवहार पर सर्वे किया था और अब आईसीएमआर ने जिले के 10 गांवों में उच्चस्तरीय अध्ययन शुरू कर दिया है। दरअसल आईसीएमआर की टीम पूरे देश में मलेरिया से अधिक प्रभावित इलाकों में मच्छरों पर स्टडी कर रही है। असोम और ओडिशा में मलेरिया प्रभावित जगहों पर बीते दिनों सर्वे करने के बाद आईसीएमआर की टीम अब बरेली आई है। बुधवार से मलेरिया प्रभावित गांवों में मच्छरों की प्रवृत्ति पर अध्ययन हो रहा है। आमतौर पर आदमी को काटने के बाद मच्छर घर की दीवारों पर बैठते हैं। इसी वजह से मलेरिया विभाग गांवों में घरों में डीडीटी का छिड़काव करता है, जिससे मच्छरों को मारा जा सके। कई राज्यों में हुए ताजा अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि आदमी को काटने के बाद मच्छर जंगल-झाड़ियों में भाग रहे हैं। कहीं ऐसा बरेली के मलेरिया प्रभावित इलाकों में तो नही हो रहा, आईसीएमआर की टीम इसकी स्टडी कर रही है।

स्टडी के लिए चयनित गांव

आईसीएमआर की टीम ने जिला मलेरिया अधिकारी डीआर सिंह से मलेरिया प्रभावित इलाकों की जानकारी ली। बीते चार सालो में जिले में मलेरिया के कितने मरीज मिले, इसकी डिटेल ली। उसके बाद टीम ने स्टडी के लिए मझगवां में लोहारी और अमरौली, रामनगर में देवकोला, अयोध्या, मीरगंज ब्लाक में लभेड़ा, दुर्गाप्रसाद, क्यारा, भमौरा में खिवराजपुर, तुसारी गांवों को चयनित किया है।

भोर में और शाम को पकड़े जाएंगे मच्छर

आईसीएमआर की टीम गांवों में मच्छर पकड़ेगी। शाम को सूर्यास्त के बाद पकड़े गए मच्छरों की जीनोम स्टडी होगी। साथ ही उसी गांव में भोर में भी मच्छर पकड़ा जाएगा।

डीडीटी छिड़काव कितना उपयोगी, पता चलेगा

मलेरिया प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य विभाग की टीम डीडीटी का छिड़काव करती है। इसके तहत गांवों में घर-घर टीम जाती है। वहां घरवालों को बाहर निकालकर कीटनाशक का छिड़काव किया जाता है। जब मच्छर उन दीवारों पर बैठते हैं तो कीटनाशक के प्रभाव से मर जाते हैं।

आईसीएमआर की टीम जिले में मलेरिया के बारे में स्टडी करने आई है। मलेरिया प्रभावित इलाकों में टीम जाएगी और सर्वे करेगी। साथ ही मलेरिया से बचाव के लिए अपनाए जा रहे तरीकों के बारे में भी जानकारी लेगी।

डॉ. बलवीर सिंह, सीएमओ